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नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश - लखनऊ

भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बेटी के लिए अमर्यादित टिप्पणी मामले में कोर्ट ने कई नेताओं की गिरफ्तारी का वारंट जारी करने का आदेश दिया है. विशेष जज पवन कुमार राय ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए वारंट जारी करने का आदेश दिया है. बता दें कि हजरतगंज में बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया था.

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लखनऊ हाई कोर्ट.
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Published : Dec 17, 2019, 9:44 PM IST

लखनऊ: विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के एक मामले में बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम समेत अभियुक्त नौशाद अली और अतर सिंह राव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई तीन जनवरी को होगी.

22 जुलाई 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उन्होंने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और मेवालाल गौतम सहित बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवाती को भी नामजद किया था. आरोप है कि 20 जुलाई 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू और नातिन और उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दीं और अपशब्द कहे.

इसे भी पढ़ें- छात्र हिंसा मामलों पर संबंधित हाईकोर्ट करें सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट

इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर और मेवालाल गौतम की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां दीं और अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया गया. दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए गए.

12 जनवरी 2018 को इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. 8 फरवरी 2018 को अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जा चुका है. फिर भी लगभग दो साल से अभियुक्तगणों की गैरहाजिरी के चलते आरोप विरचन की कार्यवाही नहीं हो पा रही है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित शीघ्र निस्तारण के आदेश का अनुपालन भी नहीं हो पा रहा है.

लखनऊ: विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के एक मामले में बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम समेत अभियुक्त नौशाद अली और अतर सिंह राव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई तीन जनवरी को होगी.

22 जुलाई 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उन्होंने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और मेवालाल गौतम सहित बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवाती को भी नामजद किया था. आरोप है कि 20 जुलाई 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू और नातिन और उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दीं और अपशब्द कहे.

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इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर और मेवालाल गौतम की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां दीं और अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया गया. दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए गए.

12 जनवरी 2018 को इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. 8 फरवरी 2018 को अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जा चुका है. फिर भी लगभग दो साल से अभियुक्तगणों की गैरहाजिरी के चलते आरोप विरचन की कार्यवाही नहीं हो पा रही है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित शीघ्र निस्तारण के आदेश का अनुपालन भी नहीं हो पा रहा है.

नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
विधि संवाददाता

लखनऊ। विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के एक आपराधिक मामले में बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर तथा राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम समेत अभियुक्त नौशाद अली व अतर सिंह राव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई 3 जनवरी को होगी।

    22 जुलाई 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। उन्होंने नसीमुद्दीन, राम अचल राजभर व मेवालाल सहित बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवाती को भी नामजद किया था। आरोप है कि 20 जुलाई 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू व नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी व अपशब्द कहे। जबकि इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर व मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को मां व बहन की गंदी गंदी गालियां दी तथा अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया गया। दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए गए।

    12 जनवरी 2018 को इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। 8 फरवरी, 2018 को अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जा चुका है। फिर भी लगभग दो साल से अभियुक्तगणों की गैरहाजिरी के चलते आरोप विरचन की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित शीघ्र निस्तारण के आदेश का अनुपालन भी नहीं हो पा रहा है।


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Chandan Srivastava
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