लखनऊ : 'आरोग्य मेले में गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन सेवाएं, पूर्ण टीकाकरण, बच्चों में डायरिया व निमोनिया के रोकथाम, बचाव और उपचार की जानकारी और सुविधाएं दी जा रही हैं. कुपोषित बच्चों की पहचान और उनके उपचार के लिए समुचित कार्यवाही की जा रही है. परिवार कल्याण कार्यक्रमों के तहत बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में मेले में आने वाले लोगों को बताया जा रहा है और इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं.' यह बातें रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहीं. रविवार को जिले के सभी ग्रामीण व नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित हुआ.
इसके अलावा ओपीडी की सेवाओं के साथ ही फाइलेरिया, दिमागी बुखार, टीबी, मलेरिया, डेंगू एवं कुष्ठ रोग से सम्बंधित जानकारी, आवश्यक जांच, उपचार और रेफर की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. आरोग्य मेले के दौरान स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित अन्य कार्यक्रमों के स्टॉल लगाए गए. मेले में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) ने भी अपना स्टाल लगाया.
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि 'जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित इस आरोग्य मेले का कुल 4547 लोगों ने लाभ उठाया, जिसमें 1773 पुरुष, 2044 महिलायें और 730 बच्चे शामिल हैं. इस दौरान आयुष्मान भारत योजना के 18 लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड भी बनाया गया. इसके साथ ही 38 लोगों ने कोविड एंटीजन टेस्ट कराया, सभी निगेटिव आए.'
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