लखनऊ: कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी सरकार प्रदेश में आई थी तो उन्होंने 20 लाख नौकरी देने का वादा किया था लेकिन, साढ़े 4 साल में इस सरकार ने सिर्फ साढ़े चार लाख नौकरी ही दी है. उन्होंने कहा कि नौजवानों को दिखाए गए सपने पर भारतीय जनता पार्टी असफल रही है.
टीईटी पेपर लीक मामले पर उन्होंने कहा कि पेपर लीक होने के बाद जब एसटीएफ ने मास्टरमाइंड अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया तो ये सामने आया कि वह इस प्रश्न पत्र को छापने का ठेका लेने वाली कंपनी के लिए निदेशक हैं और गोरखपुर के रहने वाले हैं, साथ ही बिहार की बीजेपी की विधायक रश्मि वर्मा के भाई भी हैं. आराधना मिश्रा ने कहा कि अनूप की कंपनी के मानक पूरे नहीं थे. जानकारी होते हुए भी उनको इस अहम परीक्षा का पर्चा छापने का ठेका दिया गया. टीम ने किसी तरह से इस कंपनी की गोपनीय जांच नहीं की. उन्होंने सीएम योगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सभी बातें पता थीं तो ऐसे में योगी सरकार की जांच एजेंसी क्या कर रही थी. यह तो मानक है और मानक का पालन तो कराना ही चाहिए था.
आराधना मिश्रा ने कहा कि 20 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में भाग लेने वाले थे. उन नौजवानों के भविष्य से इतना बड़ा खिलवाड़ किया गया है. इन सब में एक अधिकारी का नाम सामने आ रहा है. परीक्षा नियामक अधिकारी संजय कुमार उपाध्याय थे, उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है, लेकिन सराकार बड़े लोगों को बचाने में लगी हुई है. आराधना मिश्रा ने कहा कि अनूप पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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टीईटी मामले पर कार्रवाई को लेकर आराधना मिश्रा ने कहा कि पिछले साढे 4 सालों में माफिया का रोजगार खूब फल-फूल रहा है. मुख्यमंत्री जी को कुछ भी दिखाई क्यों नहीं दे रहा है. इतने बड़े-बड़े मामले हो रहे हैं लेकिन, कोई भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. माफियाओं पर दंडात्मक कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है. पहले भी तमाम ऐसी परीक्षाएं हैं जो रद्द रह चुकी हैं. इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो.