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जमकर हुई आतिशबाजी, यूपी के कई शहरों का एक्यूआई लेवल बेहाल

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में आज सुबह हवा की गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई. प्रदेश के कई शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगे होने के बाद भी जिस तरह से लोगों ने आतिशबाजी की, उसका असर सुबह देखने को मिला.

हवा की गुणवत्ता खराब.
हवा की गुणवत्ता खराब.
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Published : Nov 15, 2020, 11:05 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एनजीटी ने राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पटाखों और आतिशबाजी पर बैन लगाया था. इसके बावजूद राजधानी लखनऊ में लोगों ने इस आदेश की अवहेलना की. इसके साथ-साथ प्रदेश के 13 शहरों में भी जहां पर आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया गया था, वहां पर भी आदेश की उपेक्षा की गई. वहीं दिवाली की रात आतिशबाजी करने से इन सभी शहरों की हवा का स्तर बेहद खराब हो गया है.

एनजीटी के आदेश के बावजूद फूटे पटाखे

आतिशबाजी पर रोक लगाए जाने के बाद भी यूपी में जमकर पटाखे फोड़े गए. इसका असर यह रहा कि एनजीटी ने राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 13 शहरों में पटाखों की बिक्री और जलाने पर बैन लगाया था. इसके बावजूद सुबह से ही शहर में धड़ल्ले से पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी की गई. हालांकि नियमों का थोड़ा बहुत ध्यान रखते हुए इस बार हर तरह के पटाखे नहीं बेचे गए, लेकिन शाम होते ही लोगों ने इतनी आतिशबाजी कर दी कि प्रदेश की हवा जहरीली हो गई.

दिल्ली से सटे इलाकों में बढ़ा प्रदूषण

दिल्ली से सटे इलाकों में रोक के बावजूद एनसीआर के क्षेत्रों में लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. इसका नतीजा यह रहा कि एक बार फिर सुबह होते ही एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का असर दिखा. गाजियाबाद का एक्यूआई 485, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 441,नोएडा का एक्यूआई 468 रहा है. सभी शहरों में बीते कई दिनों से 400 के आसपास एक्यूआई बना हुआ था, जिसके बाद एनजीटी ने इन सभी शहरों समेत 13 प्रदेश के शहरों में पटाखों पर रोक लगाई थी. इससे कि यहां पर प्रदूषण कम किया जा सके. लेकिन इन क्षेत्रों में इस आदेश की अवहेलना हुई. इसके बाद आज इन सभी शहरों में एक एक्यूआई का स्तर तेजी से बढ़ गया. इससे साफ हो जाता है कि प्रदूषण भी इन क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है.

जमकर हुई आतिशबादी, नहीं माने लखनऊवासी

राजधानी लखनऊ में यूं तो खुले तौर पर पटाखे नहीं मिल रहे थे, लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर जिला प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है. कुछ क्षेत्रों में छिपकर पटाखों की लगातार बिक्री होती रही और शासन-प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसका नतीजा यह रहा कि शाम तक लोगों ने पूजा-अर्चना के बाद पटाखों की आतिशबाजी तेजी से शुरू कर दी. इस दौरान भी प्रशासन बुरी तरह से फेल दिखा.

अभी तक प्रदूषण की रोकथाम के उल्लंघन के मामले में किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसकी वजह से जिला प्रशासन का भय लोगों में नहीं रहा. यही वजह है कि राजधानी लखनऊ में जमकर पटाखे बिकते रहे और आतिशबाजी होती रही. अब इस आतिशबाजी के असर से शहर की हवा और भी ज्यादा जहरीली हो गई है. फिलहाल अभी लखनऊ का एक्यूआई 349 पर पहुंच गया है.

इन शहरों के हालात हो रहे बेलगाम

जमकर हुई आतिशबाजी की वजह से उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सुबह होते ही हवा का हालात पूरी तरह से बिगड़ गया. इनमें उत्तर प्रदेश में आज सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद नंबर एक पर है. गाजियाबाद की आबोहवा इस कदर खराब हो चली है, कि यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 485 तक पहुंच गया है. इसके अलावा आगरा में एक्यूआई 356, बुलंदशहर में 441, गाजियाबाद में 485, ग्रेटर नोएडा में 441, लखनऊ में 350, कानपुर में 328, मेरठ में 388, मुरादाबाद में 400, नोएडा में 468 की गुणवत्ता मापी गई. इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

लखनऊ: प्रदेश में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एनजीटी ने राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पटाखों और आतिशबाजी पर बैन लगाया था. इसके बावजूद राजधानी लखनऊ में लोगों ने इस आदेश की अवहेलना की. इसके साथ-साथ प्रदेश के 13 शहरों में भी जहां पर आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया गया था, वहां पर भी आदेश की उपेक्षा की गई. वहीं दिवाली की रात आतिशबाजी करने से इन सभी शहरों की हवा का स्तर बेहद खराब हो गया है.

एनजीटी के आदेश के बावजूद फूटे पटाखे

आतिशबाजी पर रोक लगाए जाने के बाद भी यूपी में जमकर पटाखे फोड़े गए. इसका असर यह रहा कि एनजीटी ने राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 13 शहरों में पटाखों की बिक्री और जलाने पर बैन लगाया था. इसके बावजूद सुबह से ही शहर में धड़ल्ले से पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी की गई. हालांकि नियमों का थोड़ा बहुत ध्यान रखते हुए इस बार हर तरह के पटाखे नहीं बेचे गए, लेकिन शाम होते ही लोगों ने इतनी आतिशबाजी कर दी कि प्रदेश की हवा जहरीली हो गई.

दिल्ली से सटे इलाकों में बढ़ा प्रदूषण

दिल्ली से सटे इलाकों में रोक के बावजूद एनसीआर के क्षेत्रों में लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. इसका नतीजा यह रहा कि एक बार फिर सुबह होते ही एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का असर दिखा. गाजियाबाद का एक्यूआई 485, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 441,नोएडा का एक्यूआई 468 रहा है. सभी शहरों में बीते कई दिनों से 400 के आसपास एक्यूआई बना हुआ था, जिसके बाद एनजीटी ने इन सभी शहरों समेत 13 प्रदेश के शहरों में पटाखों पर रोक लगाई थी. इससे कि यहां पर प्रदूषण कम किया जा सके. लेकिन इन क्षेत्रों में इस आदेश की अवहेलना हुई. इसके बाद आज इन सभी शहरों में एक एक्यूआई का स्तर तेजी से बढ़ गया. इससे साफ हो जाता है कि प्रदूषण भी इन क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है.

जमकर हुई आतिशबादी, नहीं माने लखनऊवासी

राजधानी लखनऊ में यूं तो खुले तौर पर पटाखे नहीं मिल रहे थे, लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर जिला प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है. कुछ क्षेत्रों में छिपकर पटाखों की लगातार बिक्री होती रही और शासन-प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसका नतीजा यह रहा कि शाम तक लोगों ने पूजा-अर्चना के बाद पटाखों की आतिशबाजी तेजी से शुरू कर दी. इस दौरान भी प्रशासन बुरी तरह से फेल दिखा.

अभी तक प्रदूषण की रोकथाम के उल्लंघन के मामले में किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसकी वजह से जिला प्रशासन का भय लोगों में नहीं रहा. यही वजह है कि राजधानी लखनऊ में जमकर पटाखे बिकते रहे और आतिशबाजी होती रही. अब इस आतिशबाजी के असर से शहर की हवा और भी ज्यादा जहरीली हो गई है. फिलहाल अभी लखनऊ का एक्यूआई 349 पर पहुंच गया है.

इन शहरों के हालात हो रहे बेलगाम

जमकर हुई आतिशबाजी की वजह से उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सुबह होते ही हवा का हालात पूरी तरह से बिगड़ गया. इनमें उत्तर प्रदेश में आज सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद नंबर एक पर है. गाजियाबाद की आबोहवा इस कदर खराब हो चली है, कि यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 485 तक पहुंच गया है. इसके अलावा आगरा में एक्यूआई 356, बुलंदशहर में 441, गाजियाबाद में 485, ग्रेटर नोएडा में 441, लखनऊ में 350, कानपुर में 328, मेरठ में 388, मुरादाबाद में 400, नोएडा में 468 की गुणवत्ता मापी गई. इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

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