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लखनऊ: एनआईसी और परिवहन अधिकारियों की लापरवाही का शिकार हो रहे आवेदक - लखनऊ आरटीओ कार्यालय पर लगी लोगों की भीड़

राजधानी में आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को रोजाना तौर पर अपना समय बर्बाद करना पड़ रहा है. बता दें कि आरटीओ कार्यालय का सर्वर आये दिन खराब रहने से आवेदकों को अपना काम कराने में काफी दिक्कत हो रही है.

सर्वर काम न करने से आवेदक परेशान
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Published : Sep 23, 2019, 10:00 PM IST

लखनऊ: एनआईसी और परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते आवेदकों को आरटीओ कार्यालय के बाहर अपना समय बर्बाद करना पड़ रहा है. राजधानी के आरटीओ कार्यालय का हाल यह है कि 30 दिन में कम से कम 25 दिन तक कार्यालय का सर्वर ही खराब रहता है. इस तरह एनआईसी और परिवहन अधिकारियों के बीच आवेदक पिस रहे हैं.

एआरटीओ संजय तिवारी से बातचीत.

इसे भी पढ़ें :- लखनऊः ट्यूबवेल टेक्निकल एंप्लाइज एसोसिएशन में पदाधिकारियों के चुनाव को लेकर छिड़ी जंग

आरटीओ कार्यालय का सर्वर रहता है खराब
राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय सहित देवा रोड स्थित एआरटीओ कर्यालय में सर्वर का हाल रोजाना ही खस्ताहाल रहता है. सोमवार को दोनों ही कार्यालयों में दूरदराज क्षेत्रों से काम कराने आए आवेदकों को सर्वर नहीं चलने के चलते बैरंग वापस लौटना पड़ा.

आवेदकों को हो रही दिक्कत
इस माह 20 से 25 दिन ऐसे रहे हैं जिसमें किसी दिन सर्वर पूरी तरह ठप रहा तो किसी दिन डाउन रहा और किसी दिन आधे दिन ही काम हुआ. सर्वर दुरुस्त न होने के चलते एनआईसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों को भले ही कोई दिक्कत न हुई हो लेकिन आवेदकों की तकलीफों में काफी इजाफा हुआ है.

ऐसे में लोगों की भागदौड़ बेकार हो गई. जब भी सर्वर रुक रुक कर चलने लगता था तो कुछ ही लोगों का कार्य हो पाता था. बाकी लोगों को बिना काम कराये ही लौटना पड़ा. वहीं अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि सर्वर के न चलने पर सम्सया को दूर करने के लिये एनआईसी को पत्र लिखा गया है.

लखनऊ: एनआईसी और परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते आवेदकों को आरटीओ कार्यालय के बाहर अपना समय बर्बाद करना पड़ रहा है. राजधानी के आरटीओ कार्यालय का हाल यह है कि 30 दिन में कम से कम 25 दिन तक कार्यालय का सर्वर ही खराब रहता है. इस तरह एनआईसी और परिवहन अधिकारियों के बीच आवेदक पिस रहे हैं.

एआरटीओ संजय तिवारी से बातचीत.

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आरटीओ कार्यालय का सर्वर रहता है खराब
राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय सहित देवा रोड स्थित एआरटीओ कर्यालय में सर्वर का हाल रोजाना ही खस्ताहाल रहता है. सोमवार को दोनों ही कार्यालयों में दूरदराज क्षेत्रों से काम कराने आए आवेदकों को सर्वर नहीं चलने के चलते बैरंग वापस लौटना पड़ा.

आवेदकों को हो रही दिक्कत
इस माह 20 से 25 दिन ऐसे रहे हैं जिसमें किसी दिन सर्वर पूरी तरह ठप रहा तो किसी दिन डाउन रहा और किसी दिन आधे दिन ही काम हुआ. सर्वर दुरुस्त न होने के चलते एनआईसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों को भले ही कोई दिक्कत न हुई हो लेकिन आवेदकों की तकलीफों में काफी इजाफा हुआ है.

ऐसे में लोगों की भागदौड़ बेकार हो गई. जब भी सर्वर रुक रुक कर चलने लगता था तो कुछ ही लोगों का कार्य हो पाता था. बाकी लोगों को बिना काम कराये ही लौटना पड़ा. वहीं अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि सर्वर के न चलने पर सम्सया को दूर करने के लिये एनआईसी को पत्र लिखा गया है.

Intro:एनआईसी और परिवहन अधिकारियों की लापरवाही में पिस रहे आवेदक, सर्वर बन रहा सरदर्द

लखनऊ। नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर यानी एनआईसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भोली-भाली आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। आवेदक ईंधन और अपना कीमती समय खर्च कर दूरदराज क्षेत्रों से आरटीओ कार्यालय में अपना काम कराने आते हैं, लेकिन उनकी इस मेहनत पर एक पल में ही पानी फिर जाता है। कारण है कि 30 दिन में कम से कम 25 दिन आरटीओ कार्यालय का सर्वर ही खराब रहता है। राजधानी लखनऊ के आरटीओ कार्यालय का यह हाल है तो सवाल उठना लाजमी है कि प्रदेश के दूरदराज के अन्य क्षेत्रों के आरटीओ कार्यालयों के सर्वर का क्या हाल होगा। निश्चित तौर पर वहां ज्यादा ही खस्ताहाल होगा। आवेदकों का काम नहीं होता है और अधिकारी एनआईसी को पत्र लिखकर समस्या दूर कराने की बात कहकर पल्ला ही झाड़ लेते हैं। एनआईसी और परिवहन अधिकारियों के बीच आवेदक पिस रहे हैं।Body:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में सर्वर का हाल रोजाना ही खस्ताहाल रहता है। सिर्फ आरटीओ कार्यालय ही नहीं देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय का भी कमोवेश यही हाल है। सोमवार को दोनों ही कार्यालयों में दूरदराज क्षेत्रों से काम कराने आए आवेदकों को सर्वर नहीं चलने के चलते बैरंग वापस लौटना पड़ा। इसी माह अगर सर्वर ठप रहने या डाउन रहने की बात की जाए तो 30 में 20 से 25 दिन ऐसे रहे हैं जिसमें किसी दिन सर्वर पूरी तरह ठप रहा तो किसी दिन डाउन और किसी दिन आधे दिन ही काम हुआ। सर्वर दुरुस्त न होने के चलते एनआईसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों को भले ही कोई दिक्कत न हुई हो लेकिन आवेदकों की तकलीफों में काफी इजाफा हुआ है। सोमवार को सप्ताह का पहला दिन था ऐसे में आम दिनों की तुलना में कहीं ज्यादा संख्या में आम जनता आरटीओ कार्यालय में अपना काम कराने पहुंची, लेकिन न आरटीओ कार्यालय का सर्वर ही काम किया और न ही एआरटीओ कार्यालय का। ऐसे में लोगों की भागदौड़ बेकार हो गई। रुक रुक कर सर्वर जब चला तो कुछ लोगों का काम हुआ भी, लेकिन ज्यादा लोगों को बिना काम कराए ही वापस लौटना पड़ा। ऐसा एक दिन नहीं होता है जब अपना ईंधन और समय खर्च कर अपने काम के लिए लोगों को आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता हो। अधिकारियों का वही रटा-रटाया जवाब रहता है कि सर्वर चल नहीं रहा था इसके लिए एनआईसी को पत्र लिखा गया है।Conclusion:बाइट: संजय तिवारी, एआरटीओ प्रशासन, लखनऊ

आज सुबह 10 बजे सर्वर चल रहा था, लेकिन 12 बजे स्लो हो गया। आज कार्यालय में लंबी लंबी लाइनें लगी थीं लेकिन लोगों के काम में दिक्कत आई। तीन बजे के करीब फिर से सर्वर ठीक हुआ तो लोगों के काम किए गए। एनआईसी से रिक्वेस्ट की जा रही है कि सर्वर की क्षमता बढ़ाई जाए जिससे रोज की समस्या खत्म हो और आम जनता को कार्य कराने में दिक्कत न आए।


Akhil pandey, Lucknow, 9336864096
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