लखनऊः अवैध निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान शुरू होने पर कमिश्नर ऑफिस में अपील के मामले बढ़ गए हैं. पिछले दिनों अभियान के दौरान एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि अवैध निर्माण के प्रकरण की यदि कहीं भी सुनवाई चल रही हो तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाए. इसके बाद से मंडलायुक्त के यहां अपीलों की संख्या बढ़ गई. कमिश्नर कार्यालय में 11,000 से अधिक अपील पहुंचने पर मंडलायुक्त ने एलडीए पर नाराजगी व्यक्त की.
अनियोजित कॉलोनियों में कारवाई पर नाराजगी
मंडलायुक्त रंजन कुमार ने ध्वस्तीकरण के मामले को लेकर गुरुवार को एलडीए कार्यालय पहुंचे और समीक्षा की. उन्होंने कहा जिन कॉलोनियों में एलडीए नक्शे नहीं पास करता, वहां एलडीए कार्रवाई नहीं करे. यदि एलडीए को कार्रवाई करना है तो ऐसी कॉलोनियों में पहले नक्शा पास करना शुरू करे.
बगैर नक्शा पास किए कार्रवाई
दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण नियोजित कॉलोनियों में नक्शे पास करता है, लेकिन कार्रवाई अनियोजित कॉलोनियों में भी की जाती है. इसको लेकर कमिश्नर रंजन कुमार ने एलडीए पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने प्रवर्तन से जुड़े इंजीनियर और प्राधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. उनका कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश को सुनिश्चित करने के साथ ही पुराने मामलों का भी निस्तारण करना होगा.
दूसरे प्राधिकरणों से अनुभव लेगा एलडीए
कमिश्नर के निर्देश पर अब एलडीए वीसी अभिषेक प्रकाश ने अनियोजित इलाकों में भी नक्शे पास कराने के लिए अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. वीसी ने समिति में मुख्य नगर नियोजन के अलावा अधिशासी अभियंता केके बंसला, अवनींद्र कुमार सिंह और कमलजीत सिंह को शामिल किया है. यह समिति रायबरेली, अलीगढ़ और गोरखपुर के विकास प्राधिकरण द्वारा अनियोजित इलाकों में नक्शा पास कराने के अनुभव साझा करेगी.
कार्रवाई से बचने के लिए अपील का सहारा
अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग अथवा ध्वस्तीकरण के आदेश विहित न्यायालय से जारी किए जाते हैं. एलडीए की कार्रवाई से बचाव के लिए अवैध निर्माणकर्ता के पास अपील करने का विकल्प होता है. यह अपील कमिश्नर के यहां की जाती है. इसके बाद कमिश्नर पूरे मामले की सुनवाई करते हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश जारी करते हैं. इस दौरान अगर अधिकारी बदल गए तो अवैध निर्माण की फाइल वहीं पर बंद हो जाती है.