लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इन दिनों लोकसभा चुनावों की तैयारियां चरम पर हैं. सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियां बनाने में व्यस्त हैं. ऐसे में राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी अपना दल (एस) भी पार्टी का आकार और बढ़ाने के लिए योजना बनाने में व्यस्त है. पार्टी गठन के बाद लगातार अपना दल (एस) का प्रदर्शन बढ़िया हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वह आगामी लोकसभा चुनावों में अपना प्रदर्शन बेहतर कर पाएगा.
मां कृष्णा पटेल और बड़ी बहन पल्लवी पटेल से विवाद के बाद अनुप्रिया पटेल ने 14 दिसंबर 2016 को अपना दल (सोनेलाल) की स्थापना की. वह जिसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. वर्ष 2016 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनीं. उनके पति आशीष पटेल विधान परिषद के सदस्य और प्रदेश सरकार प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट-माप विभाग के मंत्री हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में अपना दल (एस) ने दो सीटों मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल और रॉबर्ट्सगंज से पकौड़ी लाल को मैदान में उतारा. दोनों ही प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल रहे. वर्ष 2019 में मंत्री नहीं बनाया गया. वर्ष 2021 में दूसरी बार केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री बनीं. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में अपना दल (एस) 12 सीटें जीतकर आया और प्रदेश का तीसरा बड़ा दल बन गया. अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन पल्लवी पटेल 2022 के विधानसभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पराजित कर विधानसभा पहुंची हैं. वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. हालांकि वह अपना दल (कमेरावादी) से जुड़ी हैं और उनकी मां कृष्णा पटेल इसकी अध्यक्ष हैं.
यदि आगामी लोक सभा चुनाव की बात करें तो निश्चित रूप से अपना दल (एस) चाहेगा कि उसे दो से अधिक सीटों पर लड़ने का मौका मिले और ऐसा माना जा रहा है कि अनुप्रिया पटेल अपनी पार्टी के लिए ज्यादा सीटों की मांग भारतीय जनता पार्टी से कर सकती हैं. भाजपा इस पर कितना तैयार होती है यह देखने वाली बात होगी. अपना दल (एस) की पूर्वांचल के मिर्जापुर और वाराणसी के आसपास के जिलों में खासी पकड़ मानी जाती है. भाजपा भी इस क्षेत्र में मजबूत है, ऐसे में सीटों को लेकर तालमेल बनाने में गठबंधन के दोनों ही दलों को कठिनाई हो सकती है. अनुप्रिया की पार्टी के सामने एक चुनौती उनकी मां की पार्टी अपना दल (कमेरावादी) भी है. इन दोनों ही दलों का आधार वोट एक ही है. अपना दल (कमेरावादी) सपा के साथ गठबंधन में है. इसलिए वह भी अपना दल (एस) के सामने चुनौती खड़ी कर सकता है. अब देखना होगा कि अनुप्रिया पटेल अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए क्या करती हैं और उन्हें इसमें कितनी कामयाबी हासिल होती है.