ETV Bharat / state

लखनऊ: विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

कानपुर के बिकरु कांड के मुख्य कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी गई. अपर सत्र न्यायाधीश अमरजीत वर्मा ने फरार चल रहे अभियुक्त दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की है.

lucknow news
अपराधी दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज.अपराधी दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज.
author img

By

Published : Oct 24, 2020, 3:33 AM IST

लखनऊ: लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. दीप प्रकाश दुबे के ऊपर कथित रूप से रंगदारी और धोखाधड़ी सहित 8 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. अपर सत्र न्यायाधीश अमरजीत वर्मा ने फरार चल रहे अभियुक्त दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

वारदात के दिन से फरार

दरअसल, बिकरु गांव में दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने अपने साथियों संग मिलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी. हालांकि बाद में पुलिस ने उसका एनकाउंटर भी कर दिया था. विकास दुबे का भाई दीप प्रकाश दुबे वारदात के दिन से ही फरार चल रहा है. पुलिस ने उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी भी की, लेकिन पुलिस को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. शुक्रवार को रंगदारी और धोखाधड़ी के एक आपराधिक मामले में वांछित दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी सत्र अदालत ने खारिज कर दी है.

कोर्ट ने अपराध को गंभीर बताया

एडीजे अमरजीत वर्मा ने प्रथम दृष्टया अपराधी के अपराध को गंभीर करार दिया है. कहा है कि इस स्तर पर अपराधी को अग्रिम जमानत पर रिहा करना वाजिब नहीं है. फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने अपराधी की अग्रिम जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया कहा कि इसका गंभीर अपराधिक इतिहास है. इसके खिलाफ आठ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. इसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और कुर्की की कार्रवाई का नोटिस भी जारी है.

धमकाकर ली थी गाड़ी

दीप प्रकाश दुबे के खिलाफ 5 जुलाई 2020 को इस मामले की एफआईआर विनीत पांडेय ने थाना कृष्णा नगर में दर्ज कराई थी. शिकायत के मुताबिक वर्ष 2009 में विनीत ने एक सरकारी एम्बेसडर कार नीलामी में खरीदी थी. इसके कुछ दिनों बाद दीप प्रकाश दुबे उनके घर आया और धमकाते हुए कहा कि यह गाड़ी मुझे दे दो, वरना तुम अच्छी तरह जानते हो इसका अंजाम क्या होगा. डर की वजह से पीड़ित ने कार उसके हवाले कर दी. बाद में पुलिस ने इस गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया था.

ऐसे प्रकाश में आया नाम

कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरु गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला बोलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी. मुख्य आरोपी विकास दुबे के सहयोगी रहे तमाम लोगों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है. घटना के बाद लखनऊ से तीन जुलाई को फरार चल रहे उसके भाई के मकान की कुर्की की भी तैयारी है. उसके भाई दीप प्रकाश दुबे पर पुलिस ने 25,000 का इनाम भी रखा है.

लखनऊ: लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. दीप प्रकाश दुबे के ऊपर कथित रूप से रंगदारी और धोखाधड़ी सहित 8 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. अपर सत्र न्यायाधीश अमरजीत वर्मा ने फरार चल रहे अभियुक्त दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

वारदात के दिन से फरार

दरअसल, बिकरु गांव में दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने अपने साथियों संग मिलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी. हालांकि बाद में पुलिस ने उसका एनकाउंटर भी कर दिया था. विकास दुबे का भाई दीप प्रकाश दुबे वारदात के दिन से ही फरार चल रहा है. पुलिस ने उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी भी की, लेकिन पुलिस को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. शुक्रवार को रंगदारी और धोखाधड़ी के एक आपराधिक मामले में वांछित दीप प्रकाश दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी सत्र अदालत ने खारिज कर दी है.

कोर्ट ने अपराध को गंभीर बताया

एडीजे अमरजीत वर्मा ने प्रथम दृष्टया अपराधी के अपराध को गंभीर करार दिया है. कहा है कि इस स्तर पर अपराधी को अग्रिम जमानत पर रिहा करना वाजिब नहीं है. फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने अपराधी की अग्रिम जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया कहा कि इसका गंभीर अपराधिक इतिहास है. इसके खिलाफ आठ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. इसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और कुर्की की कार्रवाई का नोटिस भी जारी है.

धमकाकर ली थी गाड़ी

दीप प्रकाश दुबे के खिलाफ 5 जुलाई 2020 को इस मामले की एफआईआर विनीत पांडेय ने थाना कृष्णा नगर में दर्ज कराई थी. शिकायत के मुताबिक वर्ष 2009 में विनीत ने एक सरकारी एम्बेसडर कार नीलामी में खरीदी थी. इसके कुछ दिनों बाद दीप प्रकाश दुबे उनके घर आया और धमकाते हुए कहा कि यह गाड़ी मुझे दे दो, वरना तुम अच्छी तरह जानते हो इसका अंजाम क्या होगा. डर की वजह से पीड़ित ने कार उसके हवाले कर दी. बाद में पुलिस ने इस गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया था.

ऐसे प्रकाश में आया नाम

कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरु गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला बोलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी. मुख्य आरोपी विकास दुबे के सहयोगी रहे तमाम लोगों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है. घटना के बाद लखनऊ से तीन जुलाई को फरार चल रहे उसके भाई के मकान की कुर्की की भी तैयारी है. उसके भाई दीप प्रकाश दुबे पर पुलिस ने 25,000 का इनाम भी रखा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.