लखनऊः चारबाग रेलवे स्टेशन से हुई आमदनी में वित्तीय अनियमितताएं बरतने के अभियुक्त पूर्वोत्तर रेलवे के तत्कालीन वरिष्ठ डीसीएम मनोज कुमार सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए, अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त रेलवे में काफी बड़े पद पर था, उसके द्वारा किये गए कृत्य को सख्ती से देखने की आवश्यकता है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सीबीआई की ओर से कहा गया कि इस मामले की रिपोर्ट आशुतोष मिश्रा एवीओ( ट्रैफिक) रेलवे बोर्ड द्वारा विजिलेंस जांच के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध दर्ज कराई गई थी. विवेचना के उपरांत मामला सही पाए जाने पर उसके विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
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औचक निरीक्षण के दौरान जांच में पाया गया कि अभियुक्त ने 14 और 15 अक्टूबर 2014 को प्रत्येक दिन 15-15 लाख रुपये अवैध तरीके से निकाल लिए थे. अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए अपने आदेश में यह भी कहा है कि अभियुक्त ने तैनाती के दौरान छल पूर्वक रेलवे को 30 लाख रुपये की हानि पहुंचाई. कोर्ट ने पाया कि अभियुक्त के द्वारा 30 लाख रुपये की उक्त धनराशि जमा कर दी गई है. लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए और सीबीआई के अनुसार मामले में नए तथ्यों के आने और धाराओं में बढ़ोतरी की संभावना है. ऐसी स्थिति में अभियुक्त को अग्रिम जमानत पर छोड़ा जाना उचित नहीं है.
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