लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद एंटी भू-माफिया स्क्वॉड का गठन किया. इन तीन वर्षों में एंटी भू-माफिया स्क्वॉड के तहत बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. रिकॉर्ड के मुताबिक, साल 2020 में सबसे ज्यादा कार्रवाइयां की गई हैं. राजधानी लखनऊ, प्रयागराज, मऊ सहित तमाम जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध भवन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई.
2020 में भू-माफिया पर रही सरकार की नजर टेढ़ी. दर्ज हुईं 4226 FIR
राजस्व विभाग के आंकड़ों की बात करें तो एंटी भू-माफिया स्क्वॉड के तहत उत्तर प्रदेश में 2,360 भू-माफिया चिन्हित किए गए हैं. भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 4,226 एफआईआर दर्ज कराई गई. 6,04,22,44522.3 कीमत की अवैध संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की गई है. 5,088 अतिक्रमण हटाए गए वर्ष 2020 में एंटी भू-माफिया के तहत 2,91,271 शिकायतें मिलीं, जिसके तहत 5,088 अतिक्रमण हटाए गए. साथ ही 2,613 हेक्टेयर क्षेत्रफल को भू-माफिया से मुक्त कराया गया. राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, आईपीसी के तहत 862, दंड प्रक्रिया संहिता के तहत 241, एनएसए के तहत चार, गैंगस्टर एक्ट के तहत 69, गुंडा एक्ट के तहत 304 और अन्य 2,771 कार्रवाई एंटी भू-माफिया स्क्वॉड के तहत की गई हैं. इन कार्यों के तहत 184 लोगों को जेल भेजा गया है. वहीं 5,738 लोग जेल से बाहर हैं. मुख्तार अंसारी की संपत्ति पर चला बुलडोजर. माफिया पर भी हुई प्रभावी कार्रवाई एंटी भू-माफिया स्क्वॉड के तहत उत्तर प्रदेश में बड़े और प्रभावशाली माफिया के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. राजधानी लखनऊ में मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के नाम पर दर्ज निशक्रान्त भूमि पर कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग को गिरा दिया गया. डालीगंज से मुख्तार अंसारी के घर पर भी जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाया और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई. मऊ जिले में मुख्तार अंसारी के बेटों के नाम पर दर्ज गजल होटल के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए होटल की बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया गया. माफिया अतीक अहमद के खिलाफ भी हुई कार्रवाई. माफिया अतीक के खिलाफ भी हुई कार्रवाई प्रयागराज में माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद के खिलाफ भी एंटी भू-माफिया के तहत बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. प्रयागराज में सिविल लाइन के नवाब युसूफ रोड स्थित 500 वर्ग गज में बने अतीक अहमद के मकान पर जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की.सपा नेता आजम खान के खिलाफ भी हुई कार्रवाई. सपा नेता आजम खान के खिलाफ भी हुई कार्रवाई एंटी भू-माफिया स्क्वॉड के तहत जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री और सपा सांसद आजम खान को भू-माफिया घोषित किया. आजम खान पर आरोप था कि उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 26 किसानों की 5,000 हेक्टेयर जमीन हड़प ली. जिस पर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण किया गया, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए आजम खान के खिलाफ एक सप्ताह में 13 मुकदमे दर्ज किए गए और आजम को भू-माफिया घोषित किया गया.
सपा नेता आजम खान के खिलाफ भी हुई कार्रवाई. लखनऊ में हुई चार बड़ी कार्रवाई
लखनऊ जिला प्रशासन ने 17 दिनों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए बड़ी संख्या में सरकारी जमीन को भू माफिया से मुक्त कराया है. इस दौरान तमाम प्रभावशाली लोगों के ऊपर कार्रवाई की गई है. लखनऊ जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री व पूर्व ब्लॉक प्रमुख के कब्जे से भी सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया.
कैरियर हॉस्पिटल पर कार्रवाई
लखनऊ जिला प्रशासन ने सबसे बड़ी कार्रवाई सदर तहसील के अंतर्गत कैरियर हॉस्पिटल के ऊपर की है. यह हॉस्पिटल कैरियर ट्रस्ट का है, जिसने आईआईएम रोड स्थित गांव को जोड़ने वाले रास्ते की 72,000 वर्ग फीट सरकारी जमीन पर कब्जा करते हुए बिल्डिंग बना ली थी. ग्राम समाज की दो बीघा जमीन पर फार्महाउस का निर्माण करा दिया था. इस अवैध निर्माण को लेकर कई बार जिला प्रशासन से शिकायत भी की गई. कैरियर हॉस्पिटल के खिलाफ कई वर्षों से जिला प्रशासन को शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन कैरियर हॉस्पिटल के ऊपर कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. वहीं बीते 17 दिनों में जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए सरकारी रास्ते की 72,000 वर्ग फीट जमीन और ग्राम समाज की दो बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है. इस कार्रवाई के तहत ट्रस्ट के मालिकों के खिलाफ मड़ियांव थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
झील को पाट भू-माफिया ने की प्लाटिंग
लखनऊ जिला प्रशासन ने सरोजनी नगर स्थित एक झील पर किए गए कब्जे को भू-माफिया से मुक्त कराने में कामयाबी हासिल की है. वहीं बिजनौर स्थित 11 हेक्टेयर झील की जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर प्लाटिंग कर दी थी. लंबे समय से जिला प्रशासन जमीन को खाली कराने का प्रयास कर रहा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पा रही थी. लॉकडाउन के बाद लखनऊ जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के नेतृत्व में सरोजनी नगर तहसील के एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने जमीन को खाली कराने में कामयाबी हासिल की है. भू-माफिया शहजाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
पूर्व ब्लाक प्रमुख के कब्जे से मुक्त कराई 500 मीटर जमीन
सरोजनी नगर में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजय यादव ने सड़क पर 500 मीटर का कब्जा कर रखा था, जिससे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा था. पूर्व ब्लाक प्रमुख के इस तरह से अवैध कब्जा करने को लेकर कई बार जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी. नोटिस भी जारी की गई थी, लेकिन पूर्व ब्लाक प्रमुख ने जमीन खाली नहीं की थी. इसी बीच लखनऊ जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सड़क पर 500 मीटर जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने का काम किया है.
76 लाख रुपये कीमत की खलिहान की भूमि को कब्जा मुक्त कराया
राजधानी लखनऊ की बीकेटी तहसील के अंतर्गत एसडीएम के निर्देशों के तहत 76 लाख रुपये की कीमत की खलिहान भूमि को भू-माफिया से मुक्त कराने की प्रभावी कार्रवाई की गई. ग्रामीण में खलिहान की इस भूमि पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया था, जिसको जिला प्रशासन ने खाली कराया.
बीते 4 वर्षों में हुई यह कार्रवाई
एंटी भू-माफिया स्क्वॉड शुरू होने के बाद बीते 4 वर्षों में लखनऊ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. इस दौरान जिला प्रशासन को 5 तहसीलों में कुल 2,643 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 152 शिकायतों को गलत पाया गया. वहीं 83 शिकायतें न्यायालय में विचाराधीन हैं, जबकि 304 शिकायतों को समझौतों के आधार पर निस्तारित किया गया. सभी तहसीलों को मिलाकर 1,314 शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए कई अवैध जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया. कुल 2,633 शिकायतों का निस्तारण कर 1250.82 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है. इन कार्रवाई के तहत राजस्व में 75 वाद दर्ज कराए गए हैं. सिविल में दो मामले दर्ज हैं. भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 67 एफआईआर दर्ज कराई गईं. तीन वर्षों में की गईं शिकायतों में से 11 शिकायतों का निस्तारण शेष बचा है.
ऐसे होती है भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई
जमीन कब्जा होने के संदर्भ में शिकायत मिलने पर या अधिकारी के संज्ञान में मामला आने के बाद कब्जेदार व्यक्ति को नोटिस जारी की जाती है. अगर सरकारी जमीन पर पक्का निर्माण है यानी की छत पड़ी हुई है तो फिर तहसीलदार कोर्ट से उसके खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की जाती है. बेदखली की कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन मौके पर जाकर निर्माण को गिराता है. सरकारी जमीन दो तरह की होती है 'आरक्षित व सामान्य'. आरक्षित जमीन में तालाब, सड़क, नाली, चारागाह आदि शामिल होती हैं, जिनका काम निर्धारित होता है. वहीं सामान्य भूमि में बंजर, परती, नवीन भूमि शामिल है.
सरकार की मंशा स्पष्ट है. सरकार सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर सख्त है और एक संदेश देने में कामयाब रही है.
सीबी पांडेय, पूर्व जज