लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का 14वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया. इसमें देश भर से कई शिया धर्म गुरुओं की सरपरस्ती में शिया समुदाय के अलावा मुसलमानों से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई.
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने देश में चल रहे कैब, एनआरसी और शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड के मर्जर पर आम राय तय की. इस मौके पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक किए जाने को लेकर कहा कि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अगर एक होते हैं तो इसमें दोनों समुदाय को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसके अलावा मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि सच्चर कमेटी में भी शिया समुदाय को नजरअंदाज किया गया है, लिहाजा शिया समुदाय के लिए एक ऐसा कमीशन बने जो भारत में रहने वाले तकरीबन सात करोड़ शिया समुदाय से जुड़े लोगों के हालात का जायजा ले.
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वहीं इस मौके पर ऑल इंडिया शिया मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि अब तक हमारे समुदाय को नजरअंदाज किया जाता रहा है, लेकिन जब कोई समुदाय एक हो जाता है तो सरकार को भी उसके आगे झुकना पड़ता है. इसके अलावा मौलाना सैफ अब्बास ने देश में चल रहे मौजूदा मुद्दों पर बातचीत करते हुए कहा कि एनआरसी और अयोध्या मामले में रिव्यू पिटिशन पर जो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का स्टैंड है, वही शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का भी है. वहीं कैब को लेकर उन्होंने कहा कि हिंदू-मुसलमान के नाम पर मुल्क में सियासत हो रही है, जो देश के लिए सही नहीं है.