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लखनऊ: CAA के विरोध प्रदर्शनों के दमन की सुप्रीम कोर्ट से हो जांच- आनंद शर्मा

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Published : Dec 26, 2019, 5:51 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 7:05 PM IST

देश भर में नागरिकता कानून पर किए गए हिंसक बवाल पर प्रशासन ने जो भी तरीका अपनाया है, उसे ज्यादती करार देते हुए कांग्रेस नेता ने मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट से कराए जाने की मांग की है.

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आनंद शर्मा, कांग्रेस नेता

लखनऊ: प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रशासन और पुलिस की ओर से निरोधात्मक कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई को दमन करार देते हुए कांग्रेस के राज्यसभा में उपनेता आनंद शर्मा ने सभी मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में कराए जाने की मांग की है.

कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट से की जांच की मांग.

सुप्रीम कोर्ट से की जांच की मांग
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मौजूद आनंद शर्मा ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि जिस तरह से प्रदेश में प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के वीडियो रिकॉर्डिंग सामने आए हैं, उससे साफ कहा जा सकता है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने दमनकारी तरीका अपनाया है.

कांग्रेस को प्रदेश सरकार से नहीं है कोई उम्मीद
पुलिस और प्रशासन की ज्यादती की जांच सुप्रीम कोर्ट के देखरेख में कराई जानी चाहिए. कांग्रेस को प्रदेश सरकार के अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. किसी भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए बल प्रयोग करने का सरकार या प्रशासन को अधिकार नहीं है. भारतीय संविधान में देश के हर नागरिक को अपनी बात कहने का अधिकार है. जो लोग सरकार के रवैये का विरोध कर रहे हैं, उनके साथ बर्बर तरीके से पेश आना किसी भी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकता.

इसे भी पढ़ें:- राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने की आठ जिलों के विकास को लेकर बैठक

लखनऊ: प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रशासन और पुलिस की ओर से निरोधात्मक कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई को दमन करार देते हुए कांग्रेस के राज्यसभा में उपनेता आनंद शर्मा ने सभी मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में कराए जाने की मांग की है.

कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट से की जांच की मांग.

सुप्रीम कोर्ट से की जांच की मांग
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मौजूद आनंद शर्मा ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि जिस तरह से प्रदेश में प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के वीडियो रिकॉर्डिंग सामने आए हैं, उससे साफ कहा जा सकता है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने दमनकारी तरीका अपनाया है.

कांग्रेस को प्रदेश सरकार से नहीं है कोई उम्मीद
पुलिस और प्रशासन की ज्यादती की जांच सुप्रीम कोर्ट के देखरेख में कराई जानी चाहिए. कांग्रेस को प्रदेश सरकार के अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. किसी भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए बल प्रयोग करने का सरकार या प्रशासन को अधिकार नहीं है. भारतीय संविधान में देश के हर नागरिक को अपनी बात कहने का अधिकार है. जो लोग सरकार के रवैये का विरोध कर रहे हैं, उनके साथ बर्बर तरीके से पेश आना किसी भी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकता.

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Intro:लखनऊ. कांग्रेस के राज्यसभा में उपनेता आनंद शर्मा ने उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रशासन व पुलिस की ओर से की गई निरोधात्मक कार्रवाई को दमन करार देते हुए सभी मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में कराए जाने की मांग की है.


Body:उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मौजूद आनंद शर्मा ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा जिस तरह से उत्तर प्रदेश में प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के वीडियो रिकॉर्डिंग सामने आए हैं उससे साफ कहा जा सकता है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने दमनकारी तरीका अपनाया है पुलिस और प्रशासन की ज्यादती की जांच सुप्रीम कोर्ट के देखरेख में कराई जानी चाहिए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कांग्रेश को नहीं है उन्होंने कहा कि किसी भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए बल प्रयोग करने का सरकार या प्रशासन को अधिकार नहीं है भारतीय संविधान देश के हर नागरिक को अपनी बात कहने का अधिकार देता है जो लोग सरकार के रवे का विरोध कर रहे हैं उनके साथ बर्बर तरीके से पेश आना किसी भी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती है. बाइट/ आनंद शर्मा राज्यसभा में कांग्रेस उपनेता


Conclusion:
Last Updated : Dec 26, 2019, 7:05 PM IST
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