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ETV BHARAT से बोले डिप्टी सीएम, 'बवालियों को बख्शेंगे नहीं, निर्दोषों पर नहीं आएगी आंच' - नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

सूबे के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान डिप्टी सीएम ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वाले दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही कहा कि कोई भी निर्दोष जेल नहीं जाएगा.

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डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.
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Published : Dec 21, 2019, 11:04 PM IST

Updated : Dec 22, 2019, 2:57 PM IST

लखनऊ: नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते पुलिस की कार्यशैली को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं. लखनऊ में उपद्रव पर व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठे कि क्या उन लोगों ने शहर जला दिया, जो दिन-रात शहर की सफाई में लगे रहते थे. सीधा इल्जाम तो नहीं है, लेकिन पुलिस दावा कर रही है कि बंगाल और मालदा से आयातित लोगों ने आग लगाई, मगर यही लोग तो शहर में कूड़ा बिनते हैं, हालांकि अभी इन सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं, जिसको लेकर ईटीवी भारत ने उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा से खास बातचीत की.

डिप्टी सीएम ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.

निर्दोषों को नहीं किया जाएगा परेशान
'पुलिस की कार्रवाई भेदभावपूर्ण है और घटना के समय पुलिस अलर्ट नहीं थी', इस सवाल पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि एक भी निर्दोष परेशान नहीं किया जाएगा. यह सभी पुलिस बल के प्रमुख अधिकारियों को मुख्यमंत्री की तरफ से आदेशित किया गया है. जहां तक पुलिस के चौकन्ना रहने और फेल होने की बात हो रही है, तो इसकी जांच की जा रही है.

क्या घटना के पीछे कोई साजिश है? इस सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. पुलिस सही-सही चिन्हीकरण करें. उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास यही है कि किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई न हो.

ये भी पढ़ें: लखनऊः उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई का आदेश जारी, चार टीमों का गठन

दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा: डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन में सिर्फ गया है तो कार्रवाई नहीं होगी. सरकार शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वाले लोगों पर कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि यह उनका अधिकार है. उसमें सरकार की कोई बाधा नहीं है, लेकिन जिन्होंने पत्थर उठाकर मारा, हाथ में लाठी लेकर हिंसा और तोड़फोड़ की है, उनके फोटोज और सबूत हैं, तो निश्चित रूप से ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: CAA: विरोध है या विद्रोह, जानिए इस खास रिपोर्ट में

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से साफ कहा है कि निर्दोषों पर कार्रवाई न की जाए, लेकिन दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए. वीडियो में जिनके हाथ में पत्थर थे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन अगर कोई आंदोलन में सिर्फ शरीक रहा है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

लखनऊ: नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते पुलिस की कार्यशैली को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं. लखनऊ में उपद्रव पर व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठे कि क्या उन लोगों ने शहर जला दिया, जो दिन-रात शहर की सफाई में लगे रहते थे. सीधा इल्जाम तो नहीं है, लेकिन पुलिस दावा कर रही है कि बंगाल और मालदा से आयातित लोगों ने आग लगाई, मगर यही लोग तो शहर में कूड़ा बिनते हैं, हालांकि अभी इन सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं, जिसको लेकर ईटीवी भारत ने उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा से खास बातचीत की.

डिप्टी सीएम ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.

निर्दोषों को नहीं किया जाएगा परेशान
'पुलिस की कार्रवाई भेदभावपूर्ण है और घटना के समय पुलिस अलर्ट नहीं थी', इस सवाल पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि एक भी निर्दोष परेशान नहीं किया जाएगा. यह सभी पुलिस बल के प्रमुख अधिकारियों को मुख्यमंत्री की तरफ से आदेशित किया गया है. जहां तक पुलिस के चौकन्ना रहने और फेल होने की बात हो रही है, तो इसकी जांच की जा रही है.

क्या घटना के पीछे कोई साजिश है? इस सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. पुलिस सही-सही चिन्हीकरण करें. उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास यही है कि किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई न हो.

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दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा: डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन में सिर्फ गया है तो कार्रवाई नहीं होगी. सरकार शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वाले लोगों पर कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि यह उनका अधिकार है. उसमें सरकार की कोई बाधा नहीं है, लेकिन जिन्होंने पत्थर उठाकर मारा, हाथ में लाठी लेकर हिंसा और तोड़फोड़ की है, उनके फोटोज और सबूत हैं, तो निश्चित रूप से ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से साफ कहा है कि निर्दोषों पर कार्रवाई न की जाए, लेकिन दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए. वीडियो में जिनके हाथ में पत्थर थे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन अगर कोई आंदोलन में सिर्फ शरीक रहा है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

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लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस की कार्यशैली को लेकर तमाम तरह सवाल उठ रहे हैं।
लखनऊ में उपद्रव की लपटें व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठे कि क्या उन लोगों ने शहर जला दिया जो दिन रात शहर की सफाई में लगे रहते थे, सीधा इल्जाम तो नहीं है मगर पुलिस दावा कर रही है बंगाल और मालदा से आयातित लोगों ने आग लगाई, मगर यही यही लोग तो शहर में कूड़ा बनते हैं क्या दंगाई कुछ खास थे और बंगाल और मालदा से आए थे।
अभी इसके जवाब मिलने बाकी हैं लेकिन सवालों की गूंज उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तक पहुंची तो उन्हें भी कहना पड़ा कोई निर्दोष जेल न जाने पाए, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई निर्दोष पर कार्रवाई न हो।हिंसक घटनाओं को लेकर अब कार्रवाई को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा से बात की और सवाल उठाया।




Body:
कोई निर्दोष जेल नहीं जाएगा और दोषी बख्शा नहीं जाएगा : डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा
पुलिस की जो कार्यवाही है वह भेदभावपूर्ण है और जब यह घटना हुई तो पुलिस अलर्ट नहीं थी और चौकन्ना नहीं थी, इस सवाल पर डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है एक भी निर्दोष कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए यह सभी पुलिस बल के प्रमुख अधिकारियों को आदेशित किया गया है मुख्यमंत्री की तरफ से। और जहां तक पुलिस के चौकन्ना रहने और फेल होने कीकी बात हो रही है, उसकी जांच हो रही है।
बाईट डॉ दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री, यूपी
अभी तो यह जांच का विषय है जहां ऐसा होगा तो निश्चित रूप से कानून अपना काम करेगा हिंसा में जो कुछ लोगों को पकड़े जाने की बात हो रही है कूड़ा बीनने और बांग्लादेश से रहने की बात हो रही है, क्या कोई साजिश है? इस सवाल पर कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है पुलिस सही-सही चिन्हीकरण, करें सरकार का पूरा प्रयास यही है किसी भी निर्दोष पर कार्यवाही नहीं होगी, अगर कोई प्रदर्शन में सिर्फ गया है तो कार्रवाई नहीं होगी, सरकार सही लोगों पर कार्यवाही नहीं करेगी, प्रदर्शन शांतिपूर्ण जो कर रहे थे उनका अधिकार है उसमें सरकार की कोई बाधा नहीं है।
हां जिन्होंने पत्थर उठा के मारा, हाथ में लाठी लेकर हिंसा की है तोड़फोड़ की है उनके फोटोज हैं और सबूत है तो उनके बारे में सरकार निश्चित रूप से जो कानून कहती होगी कार्यवाही की जाएगी। सिर्फ प्रदर्शन में चले गए उनके खिलाफ परेशान करें ऐसा ऐसी पुलिस नहीं करेगी।





Conclusion:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से साफ कहा है कि निर्दोषों पर कार्यवाही नहीं की जाए मगर दोषी किसी भी हालत में बक्से नहीं जाना चाहिए चिन्हित किए जाएं की वीडियो में जिनके हाथ में पत्थर थे उन पर सख्त सख्त कार्यवाही की जाए लेकिन अगर कोई आंदोलन में सिर्फ शरीक रहा है उस पर कोई कार्यवाही नहीं होनी चाहिए अब देखना राज्य सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस किस प्रकार से किन हिंसक घटनाओं को काबू पाया जाता है काबू पाया जाता है।


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Last Updated : Dec 22, 2019, 2:57 PM IST
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