लखनऊ: नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते पुलिस की कार्यशैली को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं. लखनऊ में उपद्रव पर व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठे कि क्या उन लोगों ने शहर जला दिया, जो दिन-रात शहर की सफाई में लगे रहते थे. सीधा इल्जाम तो नहीं है, लेकिन पुलिस दावा कर रही है कि बंगाल और मालदा से आयातित लोगों ने आग लगाई, मगर यही लोग तो शहर में कूड़ा बिनते हैं, हालांकि अभी इन सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं, जिसको लेकर ईटीवी भारत ने उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा से खास बातचीत की.
निर्दोषों को नहीं किया जाएगा परेशान
'पुलिस की कार्रवाई भेदभावपूर्ण है और घटना के समय पुलिस अलर्ट नहीं थी', इस सवाल पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि एक भी निर्दोष परेशान नहीं किया जाएगा. यह सभी पुलिस बल के प्रमुख अधिकारियों को मुख्यमंत्री की तरफ से आदेशित किया गया है. जहां तक पुलिस के चौकन्ना रहने और फेल होने की बात हो रही है, तो इसकी जांच की जा रही है.
क्या घटना के पीछे कोई साजिश है? इस सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. पुलिस सही-सही चिन्हीकरण करें. उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास यही है कि किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई न हो.
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दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा: डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन में सिर्फ गया है तो कार्रवाई नहीं होगी. सरकार शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वाले लोगों पर कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि यह उनका अधिकार है. उसमें सरकार की कोई बाधा नहीं है, लेकिन जिन्होंने पत्थर उठाकर मारा, हाथ में लाठी लेकर हिंसा और तोड़फोड़ की है, उनके फोटोज और सबूत हैं, तो निश्चित रूप से ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से साफ कहा है कि निर्दोषों पर कार्रवाई न की जाए, लेकिन दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए. वीडियो में जिनके हाथ में पत्थर थे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन अगर कोई आंदोलन में सिर्फ शरीक रहा है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.