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दुराचार पीड़ित और गवाह के आत्महत्या मामले में अमिताभ ठाकुर की दूसरी जमानत अर्जी खारिज

सुप्रीम कोर्ट के बाहर दुराचार पीड़ित और उसके साथी के आत्महत्या करने के मामले में आरोपी व पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की दूसरी जमानत अर्जी खारिच हो गयी गई. यह जमानत अर्जी को सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने खारिज की.

अमिताभ ठाकुर की दूसरी जमानत अर्जी खारिज
अमिताभ ठाकुर की दूसरी जमानत अर्जी खारिज
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Published : Dec 6, 2021, 10:59 PM IST

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के बाहर दुराचार पीड़िता व उसके साथी के आत्महत्या करने के मामले में आरोपी व पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की दूसरी जमानत अर्जी भी खारिज कर दी गई. इस जमानत अर्जी को सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने खारिज कर दिया.

अमिताभ ठाकुर की ओर से दाखिल इस जमानत अर्जी में तर्क दिया गया था कि गवाहों के बयान व घटनाक्रम को देखा जाए तो अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है. साथ ही आरोपी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. बहस के दौरान यह भी कहा गया कि जब आरोपी की ओर से प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, तब बहुत से आधार एवं बिंदुओं को नहीं उठाया गया था.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में OBC उम्मीदवारों के लिए 27% आरक्षण पर रोक लगाई

जमानत अर्जी में कहा गया था कि इस मामले में उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है. साथ ही विवेचना में पुलिस अब तक उनके खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं जुटा सकी है. वहीं जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील दुष्यंत मिश्र और अरुण पांडेय का तर्क था कि आरोपी की पहली जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है, जबकि दूसरी जमानत अर्जी पोषणीय ही नहीं है.

इस जमानत अर्जी में कोई भी नए आधार नहीं लिए गए हैं और न ही कोई नई बात कही गई है. गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ एसआइटी जांच की रिपोर्ट आने के बाद बीते 27 अगस्त को हजरतगंज थाने में एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के बाहर दुराचार पीड़िता व उसके साथी के आत्महत्या करने के मामले में आरोपी व पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की दूसरी जमानत अर्जी भी खारिज कर दी गई. इस जमानत अर्जी को सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने खारिज कर दिया.

अमिताभ ठाकुर की ओर से दाखिल इस जमानत अर्जी में तर्क दिया गया था कि गवाहों के बयान व घटनाक्रम को देखा जाए तो अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है. साथ ही आरोपी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. बहस के दौरान यह भी कहा गया कि जब आरोपी की ओर से प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, तब बहुत से आधार एवं बिंदुओं को नहीं उठाया गया था.

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जमानत अर्जी में कहा गया था कि इस मामले में उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है. साथ ही विवेचना में पुलिस अब तक उनके खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं जुटा सकी है. वहीं जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील दुष्यंत मिश्र और अरुण पांडेय का तर्क था कि आरोपी की पहली जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है, जबकि दूसरी जमानत अर्जी पोषणीय ही नहीं है.

इस जमानत अर्जी में कोई भी नए आधार नहीं लिए गए हैं और न ही कोई नई बात कही गई है. गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ एसआइटी जांच की रिपोर्ट आने के बाद बीते 27 अगस्त को हजरतगंज थाने में एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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