लखनऊ : प्रदेश के सरकारी विद्यालयों की माली हालत किसी से छुपी नहीं है. सरकार की ओर से मिलने वाले बजट के सहारे सरकारी स्कूल किसी तरह अपने वजूद को कायम रखे हुए हैं. प्रदेश के सरकारी विद्यालय की स्थिति ऐसी नहीं है कि वे अपने यहां बिना सरकारी मदद के कोई इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर सकें. यही कारण है कि राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के तमाम सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई के साथ साथी दूसरी चीजें लगातार खस्ताहाल होते जा रही हैं. हालांकि इसके इतर राजधानी का अमीनाबाद इंटर कॉलेज गरीब बच्चों को शिक्षित करने की पूरी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है. स्कूल की तरफ से राजधानी के कान्हा उपवन में काम करने वाले मजदूरों के 80 से अधिक बच्चों को शिक्षित कर रहा है.
अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य साहेब लाल मिश्रा ने बताया क नगर आयुक्त लखनऊ की ओर से उन्हें बीते साल से जिम्मेदारी दी गई है. जिसके तहत में कान्हा उपवन में कार्य कर रहे गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा मुहैया कराना है. कान्हा उपवन में 10 हजार गायों की देखरेख के लिए करीब 40 से अधिक परिवार के लोग वहां काम करते हैं. इन परिवारों के करीब 80 बच्चों के शिक्षा के लिए आसपास कोई बेहतर व्यवस्था मौजूद नहीं थी. ऐसे में हमें उनको शिक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके लिए विभाग की ओर से कोई भी अतिरिक्त बजट नहीं मुहैया कराया गया है. इसके बाद भी बीते 1 साल से हम विद्यालय का सफल संचालन कर रहे हैं. विद्यालय के संचालन के लिए स्कूल के शिक्षकों व समाज के लोगों से मदद लेने का प्रयास होता है. उसी का परिणाम रहा है कि हमने बीते एक साल में कान्हा उपवन में एक छोटे विद्यालय का संचालन शुरू करने में सफल रहे.
प्रधानाचार्य ने बताया कि इस स्कूल के संचालन के लिए विद्यालय की ओर से एक शिक्षक की नियुक्ति वहां की गई है. जबकि वहां पर तीन अतिरिक्त शिक्षक बाहर से बुलाए गए हैं. क्योंकि हमारे स्कूल में केवल 6 से 12 तक की कक्षाओं का संचालन होता है. ऐसे में हमारे पास कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेंड टीचर नहीं थे. इसलिए हमने नगर निगम से मदद मांगी तो उन्होंने हमें तीन ट्रेनी टीचर मुहैया कराए. इसके अलावा हमारे विद्यालय से समय-समय पर शिक्षकों की ड्यूटी यहां पढ़ाने के लिए लगाया जाता है. विद्यालय अपनी तरफ से इन बच्चों को किताबें, यूनिफॉर्म उपलब्ध कराता है. साहब लाल मिश्रा के अनुसार इस साल इस विद्यालय में पढ़ने वाले छठी क्लास के बच्चे ने ओवरऑल विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. जो बच्चा यहां से पांचवीं पढ़ कर निकलता है उसका पंजीकरण हम अपने विद्यालय में ही कराते हैं, लेकिन उसकी पढ़ाई की पूरी व्यवस्था वहीं पर होती है.