लखनऊ: डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की बड़ी लापरवाही सामने आई है. लोहिया संस्थान में एंबुलेंस से सामान ढोया जा रहा है. जहां एक ओर राजधानी लखनऊ में मरीजों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस का अभाव है. वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस का उपयोग अन्य कार्यों में किया जा रहा है. मरीजों के बार-बार डिमांड के बावजूद उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है, लेकिन संस्थान एंबुलेंस से सामान ढो रहा है.
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कोविड अस्पताल में सामान उतारते दिखी एंबुलेंस
शहीद पथ पर स्थित मातृ शिशु रेफरल केंद्र लोहिया संस्थान का हिस्सा है. संस्थान ने इसे कोविड-19 अस्पताल घोषित कर दिया है. अस्पताल में मरीजों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस भी लगाई गई है. ऐसी ही एक एंबुलेंस शनिवार को सामान उतारते देखी गई है. अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि संस्थान का सामान एंबुलेंस के जरिए आ रहा है. यह सामान किसके आदेश से एंबुलेंस पर लगाया गया यह पूछे जाने पर अस्पताल के कर्मचारी टालमटोल करते रहे.
जरूरत के वक्त हो रहा है एंबुलेंस का दुरुपयोग
लखनऊ में तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है. ऐसे में कई मरीजों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है. जरूरत के वक्त सही समय में एंबुलेंस नहीं मिलने की कई खबरें पहले भी सामने आई हैं. लोहिया संस्थान में ही नहीं बल्कि राजधानी के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों को लाने ले जाने के लिए जो एंबुलेंस लगाई गई है उसे दूसरे कार्यों में प्रयोग किया जा रहा है. एंबुलेंस के चालक भी ज्यादा पैसा लेकर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों को उनके घर पहुंचा रहे हैं. साथ ही कई एंबुलेंस अधिक किराया भी वसूल किया जा रहा है.
'मंगवाई गई थी दवाएं'
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रवक्ता डॉक्टर श्रीकेश सिंह ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर कहा कि कुछ दवाओं की आवश्यकता थी. जिसे लाने के लिए एंबुलेंस भेजा गया था. एंबुलेंस में अन्य कोई सामान नहीं था. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि एंबुलेंस का दुरुपयोग किया जा रहा है.