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प्रदेश में एंबुलेंस की हड़ताल, बलरामपुर में एंबुलेंस के अभाव में तड़पता रहा मजदूर - महोबा में पुलिस की अनोखी पहल

प्रदेश में एंबुलेंस हड़ताल से लोग परेशान हैं. हड़ताल की वजह से बलरामपुर में एक मरीज घंटों तड़पता रहा लेकिन उसे एंबुलेंस की सुविधा नहीं उपलब्ध हो सकी.

यूपी में एंबुलेंस ड्राइवर्स की हड़ताल.
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Published : Sep 23, 2019, 10:04 PM IST

लखनऊ: एंबुलेंस हड़ताल की वजह से लोगों को ऑटो, प्राइवेट एंबुलेंस और निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट को वापस लिया जाए. उनका कहना है कि हमसे 12 घंटे काम कराया जाता है और वेतन समय से नहीं मिलता है.

एम्बुलेंस चालकों की हड़ताल से लोग परेशान.

मिर्जापुर में एंबुलेंस के बजाए ऑटो का सहारा ले रहे मरीज और तीमारदार
मिर्जापुर में एंबुलेंस की हड़ताल के वजह से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. डिलीवरी के बाद महिलाओं को घर जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रहा है. लोग मजबूरी में ऑटो कर घर जा रहे हैं. तीमारदार चंद्रेश कुमार का कहना है कि बड़े ऑपरेशन से डिलीवरी कराई गई है. मरीज को एंबुलेंस से घर पहुंचाया जाना चाहिए लेकिन हड़ताल के चलते एंबुलेंस नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते हम ऑटो से घर जा रहे हैं.

चंदौली में एम्बुलेंस चालकों ने की हड़ताल
चंदौली में एम्बुलेंस चालकों ने सभी एंबुलेंस को जिला अस्पताल परिसर में खड़ा कर दिया और इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि जिस तरह से नया पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया है, उसे वापस लिया जाए. चालकों की मांगों को जानने के लिए सैयदराजा विधायक सुशील सिंह धरना स्थल पहुंचे. उन्होंने एम्बुलेंस चालकों से मांग पत्र लेकर उचित कार्रवाई की बात कही.

सोनभद्र में एंबुलेंस चालकों की मांग पायलट प्रोजेक्ट को वापस लिया जाए
सोनभद्र में जनपद में अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर एंबुलेंस ड्राइवरों ने जिला अस्पताल में सभी एंबुलेंस को खड़ा कर दिया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए. जिला अस्पताल के सामने एंबुलेंस कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की कि पायलट प्रोजेक्ट को वापस लिया जाए. इस प्रोजेक्ट के द्वारा कंपनी हमसे मजदूर की तरह काम लेना चाहती है. प्रत्येक 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी को एक मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाने पर मात्र 60 रुपये कैश ही मिलेगा. वहीं जिले में एम्बुलेंस सेवाएं ठप्प होने की वजह से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बलरामपुर में जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में घंटों तड़पता रहा
बलरामपुर में एंबुलेंस चालकों की हड़ताल मरीजों के लिए मुसीबत बन गई है. उतरौला मार्ग पर बाइक और टैक्सी की टक्कर में गंभीर रूप से घायल मरीज हुआ को संयुक्त जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में घंटों तड़पता रखा गया. एंबुलेंस न दिए जाने को लेकर मरीज के तीमारदारों ने हंगामा भी किया. अस्पताल प्रशासन ने मरीज को ट्रामा सेंटर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया. करीब दो घंटे तक चले हंगामे के बाद हालत बिगड़ती देख तीमारदार मजबूरन घायल को निजी एंबुलेंस से ट्रामा सेंटर लखनऊ लेकर चले गए.

महोबा में पुलिस की अनोखी पहल
महोबा में पुलिस ने अनोखी पहल शुरू करते हुए कहा कि जब तक एंबुलेंसों की हड़ताल समाप्त नहीं होती तब तक डायल 100 की गाड़ियां एम्बुलेंस का काम करेगी. महोबा पुलिस अधीक्षक स्वामीनाथ ने जीवनदायनी हड़ताल को देखते हुए अपने मातहतों को निर्देश दिए कि जब तक एंबुलेंस सेबवा बहाल नहीं होती तब तक डायल 100 की गाड़ियां मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाएगीं पुलिस के इस कदम की लोगों ने सराहना की है.

सुलतानपुर में भी पड़ा हड़ताल का असर

सुलतानपुर में एंबुलेंस की हड़ताल का असर मरीज और तीमारदारों पर पड़ रहा है, तीमारदार अपने मरीजों को गोदी और कंधे पर मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं. कोई ई-रिक्शा से तो कोई निजी वाहन के सहारे चिकित्सा कक्ष तक पहुंच रहा है. निजी वाहन से आने वाले मरीजों को आपातकालीन सेवा जैसे ऑक्सीजन, दवा और इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं.

लखनऊ: एंबुलेंस हड़ताल की वजह से लोगों को ऑटो, प्राइवेट एंबुलेंस और निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट को वापस लिया जाए. उनका कहना है कि हमसे 12 घंटे काम कराया जाता है और वेतन समय से नहीं मिलता है.

एम्बुलेंस चालकों की हड़ताल से लोग परेशान.

मिर्जापुर में एंबुलेंस के बजाए ऑटो का सहारा ले रहे मरीज और तीमारदार
मिर्जापुर में एंबुलेंस की हड़ताल के वजह से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. डिलीवरी के बाद महिलाओं को घर जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रहा है. लोग मजबूरी में ऑटो कर घर जा रहे हैं. तीमारदार चंद्रेश कुमार का कहना है कि बड़े ऑपरेशन से डिलीवरी कराई गई है. मरीज को एंबुलेंस से घर पहुंचाया जाना चाहिए लेकिन हड़ताल के चलते एंबुलेंस नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते हम ऑटो से घर जा रहे हैं.

चंदौली में एम्बुलेंस चालकों ने की हड़ताल
चंदौली में एम्बुलेंस चालकों ने सभी एंबुलेंस को जिला अस्पताल परिसर में खड़ा कर दिया और इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि जिस तरह से नया पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया है, उसे वापस लिया जाए. चालकों की मांगों को जानने के लिए सैयदराजा विधायक सुशील सिंह धरना स्थल पहुंचे. उन्होंने एम्बुलेंस चालकों से मांग पत्र लेकर उचित कार्रवाई की बात कही.

सोनभद्र में एंबुलेंस चालकों की मांग पायलट प्रोजेक्ट को वापस लिया जाए
सोनभद्र में जनपद में अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर एंबुलेंस ड्राइवरों ने जिला अस्पताल में सभी एंबुलेंस को खड़ा कर दिया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए. जिला अस्पताल के सामने एंबुलेंस कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की कि पायलट प्रोजेक्ट को वापस लिया जाए. इस प्रोजेक्ट के द्वारा कंपनी हमसे मजदूर की तरह काम लेना चाहती है. प्रत्येक 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी को एक मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाने पर मात्र 60 रुपये कैश ही मिलेगा. वहीं जिले में एम्बुलेंस सेवाएं ठप्प होने की वजह से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बलरामपुर में जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में घंटों तड़पता रहा
बलरामपुर में एंबुलेंस चालकों की हड़ताल मरीजों के लिए मुसीबत बन गई है. उतरौला मार्ग पर बाइक और टैक्सी की टक्कर में गंभीर रूप से घायल मरीज हुआ को संयुक्त जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में घंटों तड़पता रखा गया. एंबुलेंस न दिए जाने को लेकर मरीज के तीमारदारों ने हंगामा भी किया. अस्पताल प्रशासन ने मरीज को ट्रामा सेंटर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया. करीब दो घंटे तक चले हंगामे के बाद हालत बिगड़ती देख तीमारदार मजबूरन घायल को निजी एंबुलेंस से ट्रामा सेंटर लखनऊ लेकर चले गए.

महोबा में पुलिस की अनोखी पहल
महोबा में पुलिस ने अनोखी पहल शुरू करते हुए कहा कि जब तक एंबुलेंसों की हड़ताल समाप्त नहीं होती तब तक डायल 100 की गाड़ियां एम्बुलेंस का काम करेगी. महोबा पुलिस अधीक्षक स्वामीनाथ ने जीवनदायनी हड़ताल को देखते हुए अपने मातहतों को निर्देश दिए कि जब तक एंबुलेंस सेबवा बहाल नहीं होती तब तक डायल 100 की गाड़ियां मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाएगीं पुलिस के इस कदम की लोगों ने सराहना की है.

सुलतानपुर में भी पड़ा हड़ताल का असर

सुलतानपुर में एंबुलेंस की हड़ताल का असर मरीज और तीमारदारों पर पड़ रहा है, तीमारदार अपने मरीजों को गोदी और कंधे पर मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं. कोई ई-रिक्शा से तो कोई निजी वाहन के सहारे चिकित्सा कक्ष तक पहुंच रहा है. निजी वाहन से आने वाले मरीजों को आपातकालीन सेवा जैसे ऑक्सीजन, दवा और इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं.

Intro:एंकर- महोबा जिले की पुलिस ने अनोखी पहल शुरू करते हुए कहा कि डायल 100 की गाड़ियां जब तक एम्बुलेंसों की हड़ताल समाप्त नही होती तब तक एम्बुलेंस का काम करेगी । पुलिस अधीक्षक के इस फैसले की लोगो ने सराहना की ।

Body:वी/ओ- महोबा पुलिस अधीक्षक स्वामीनाथ ने जीवनदायनी हड़ताल को देखते हुए अपने मातहतो को निर्देश दिए कि जब तक एम्बुलेंस सेबा बहाल नही होती तब तक डायल 100 की गाड़ियाँ मरीजो को अस्पताल तक पहुँचाएगी पुलिस के इस कदम को लोगो ने सराहनीय कार्य बताया ।
दरअसल जीवनदायनी 102/108 एम्बुलेंस की हड़ताल से मरीजो को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने यह कदम उठाया ।


Conclusion:बाईट- स्वामीनाथ (पुलिस अधीक्षक महोबा)- पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 102/108 एम्बुलेंसों की हड़ताल की जानकारी होने पर डायल 100 को कहा गया कि यदि कोई बीमार मरीज का फोन आता है तो उसे अस्पताल तक भिजवाए ताकि इलाज के अभाव में किसी की जान न जा सके हम लोगो का काम लोगो की सुरक्षा करना तो है ही लेकिन अभी फिलहाल जब तक एम्बुलेंस सेबा बहाल नही हो जाती तब तक मरीजो का भी ध्यान रखा जाए ।

तेज प्रताप सिंह
महोबा यूपी
09889466159
06306038548
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