लखनऊ : कोरोना संकट के इस दौर में जहां एक ओर स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. अस्पतालों में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. लोगों को अस्पताल में बेड के साथ सांसों की डोर बचाए रखने के लिए ऑक्सीजन तक नहीं मिल पा रहा है. मरीज जान बचाने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे में मरीजों की शिफ्टिंग के लिए एम्बुलेंस चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. राजधानी लखनऊ में पहले जो मरीज अपने घर से अस्पताल तक 2000-2500 रुपये तक में पहुंच जाते थे, उसके लिए अभी 8 से 12 हजार रुपये तक देने पड़ रहे हैं.
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राजधानी में चल रही करीब 700 एम्बुलेंस
राजधानी लखनऊ में इस समय करीब 700 प्राइवेट एम्बुलेंस चल रही हैं. इनका नेटवर्क निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों तक है. निजी एम्बुलेंस संचालकों का कहना है कि कोरोना काल में एम्बुलेंस का खर्च बढ़ गया है. ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी किल्लत है. जुगाड़ से वह लखनऊ से सटे जिलों से ऑक्सीजन सिलेंडर लाते हैं. जिसके लिए उन्हें अधिक पैसे अदा करने पड़ते हैं. ऐसे में किराया बढ़ाना मजबूरी है.
जिलाधिकारी ने तय किए हैं शुल्क
वहीं डीएम ने ऑक्सीजन रहित एम्बुलेंस का प्रति 10 किलोमीटर तक 1 हजार रुपये तय किया है. इससे अधिक दूरी होने पर प्रति किलोमीटर 100 रुपये अतिरिक्त देय होंगे. वहीं ऑक्सीजन युक्त एम्बुलेंस इसी दूरी के लिए 1500 रुपये तक लेगी, जबकि 10 किलोमीटर के बाद प्रति किलोमीटर 100 रुपये ही देने होंगे. इसके अलावा वेंटीलेटर सपोर्टेड व बाईपैप युक्त एम्बुलेंस 10 किलोमीटर तक के लिए 2500 रुपये लेगी. 10 किलोमीटर के बाद अतिरिक्त दूरी होने पर 200 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से अदा करना होगा.
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