लखनऊ: राजधानी के लोहिया संस्थान में संविदा पर डॉक्टरों की भर्ती विवादों के घेरे में है. लोहिया संस्थान के दंत संकाय में भर्ती प्रक्रिया पर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं. पहले मनमानी स्क्रीनिंग के जरिए तमाम अभ्यर्थियों के छंटनी की शिकायत सीएम से की गई थी. वहीं अब परिणाम जारी होते ही बवाल मच गया है.
जानें पूरा मामला
लोहिया अस्पताल का संस्थान में विलय हो गया है. 31 मार्च तक स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने सेवाएं दीं. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों को मूल विभाग में भेज दिया गया. इसी दौरान संस्थान प्रशासन ने 15 विभागों में संविदा पर डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला. भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. दंत संकाय में तीन पदों के सापेक्ष 60 से अधिक डॉक्टरों ने आवेदन किए. संस्थान प्रशासन की चयन कमेटी ने 19 नामों को साक्षात्कार के लिए चयन किया. सात अप्रैल को साक्षात्कार हुआ. 19 अप्रैल को साक्षात्कार का परिणाम जारी किया गया, जिसमें प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट पद पर भर्ती के लिए तीन डॉक्टरों का चयन हुआ.
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सूची के अनुसार नहीं हुआ चयन
आरोप है कि इसमें दंत संकाय के एक डॉक्टर का नाम साक्षात्कार की चयन सूची में नहीं था, जिसका चयन कर लिया गया. इससे आवेदकों में खासी नाराजगी है. इस संबंध में भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है.
वहीं इस संबंध में संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने इस तरह की जानकारी से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि संस्थान में यदि कोई शिकायत आती है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.