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लखनऊ: हाईकोर्ट ने डीजी परिवार कल्याण को हटाने पर सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे यूपी में प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अधिकारी व परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. बद्री विशाल को उनके पद से हटाये जाने पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.

high court advocate nutan thakur
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Published : Apr 29, 2020, 7:51 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 3:21 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. बद्री विशाल को अचानक उनके पद से हटाए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सरकार को 2 सप्ताह में जवाब देने का समय दिया है.

जानकारी देती हाईकोर्ट अधिवक्ता नूतन ठाकुर.
बीते सप्ताह यूपी सरकार द्वारा डीजी परिवार कल्याण को हटाए जाने के फैसले को चुनौती दी गयी है. इसे लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की गई. इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले के पीछे के कारण को स्पष्ट करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है.

दरअसल डीजी परिवार कल्याण डॉ.बद्री विशाल को उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते सप्ताह आनन फानन में उनके पद से हटा दिया था. डॉक्टर बद्री विशाल को हटाए जाने के बाद वेक्टर बोर्ड डिसीज विभाग की डायरेक्टर डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी को कार्यवाहक डीजी परिवार कल्याण बनाया गया.

अभी जब प्रदेश कोरोनावायरस के काल से गुजर रहा है, उस वक्त स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत सबसे अधिक है. ऐसे में परिवार कल्याण के डीजी का हटाया जाना सवाल खड़ा करता है. यही वजह थी कि हाईकोर्ट की अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर जवाब मांगा है. बुधवार को हुई सुनवाई में जस्टिस विवेक चौधरी ने इस याचिका पर सरकार से 2 सप्ताह में जवाब मांगा है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी का होगा क्लीनिकल ट्रायल, ICMR करेगी निगरानी

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. बद्री विशाल को अचानक उनके पद से हटाए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सरकार को 2 सप्ताह में जवाब देने का समय दिया है.

जानकारी देती हाईकोर्ट अधिवक्ता नूतन ठाकुर.
बीते सप्ताह यूपी सरकार द्वारा डीजी परिवार कल्याण को हटाए जाने के फैसले को चुनौती दी गयी है. इसे लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की गई. इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले के पीछे के कारण को स्पष्ट करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है.

दरअसल डीजी परिवार कल्याण डॉ.बद्री विशाल को उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते सप्ताह आनन फानन में उनके पद से हटा दिया था. डॉक्टर बद्री विशाल को हटाए जाने के बाद वेक्टर बोर्ड डिसीज विभाग की डायरेक्टर डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी को कार्यवाहक डीजी परिवार कल्याण बनाया गया.

अभी जब प्रदेश कोरोनावायरस के काल से गुजर रहा है, उस वक्त स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत सबसे अधिक है. ऐसे में परिवार कल्याण के डीजी का हटाया जाना सवाल खड़ा करता है. यही वजह थी कि हाईकोर्ट की अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर जवाब मांगा है. बुधवार को हुई सुनवाई में जस्टिस विवेक चौधरी ने इस याचिका पर सरकार से 2 सप्ताह में जवाब मांगा है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी का होगा क्लीनिकल ट्रायल, ICMR करेगी निगरानी

Last Updated : Jun 4, 2020, 3:21 PM IST
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