लखनऊ : यूपी में जीका वायरस तेजी से फैल रहा है. इसका प्रकोप दिनों- दिन बढ़ता जा रहा है. कानपुर में जीका वायरस का संक्रमण फैलने के बाद इस वायरस ने कन्नौज में भी दस्तक दे दी है. ऐसे में अब यहां भी लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम भेजी गई है. वहीं, स्वास्थ विभाग ने सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया है. बुखार के मरीजों में मलेरिया-डेंगू और कोरोना की पुष्टि न होने पर जीका वायरस का टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है. मरीजों की संख्या अब 90 हो गई है.
यूपी में कोरोना के बाद डेंगू, मलेरिया और स्क्रबटाइफस ने कहर मचाया है. डेंगू का हमला अभी थमा नहीं है. वहीं, जीका वायरस ने नई मुसीबत बढ़ा दी है. कानपुर में दो हफ्ते से लगातार जीका वायरस के मरीज मिल रहे हैं. अब तक सैकड़ों सैंपल लैब भेजे जा चुके हैं.
डीजी हेल्थ डॉ वेदव्रत सिंह के मुताबिक कानपुर के बाद कन्नौज में भी जीका वायरस ने दस्तक दे दी है. ऐसे में मरीजों के संपर्क में आए लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है. साथ ही हेल्थ टीम सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज रही है. इस दौरान सभी जिलों को निर्देश भी भेजे गए हैं. बुखार के जिन मरीजों में डेंगू- मलेरिया या कोरोना की जांच में पुष्टि नहीं हुई और समस्या लगातार बनी हुई है, ऐसे मरीजों का जीका वायरस का टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है. कुल 90 केसों में एक केस कन्नौज का है. बाकी के केस कानपुर के हैं.
संचारी रोग निदेशक डॉक्टर जीएस बाजपेई के मुताबिक डेंगू मच्छर से ही जीका वायरस का संक्रमण फैल रहा है. नगर मलेरिया टीम व जिला मलेरिया विभाग की टीम को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. टीम मरीजों के घर के अंदर इंडोर स्प्रे कर रही है. साथ ही बाहर भी एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है. इसके अलावा घरों में मच्छरों के जो सोर्स हैं, उसे नष्ट किया जा रहा है. साथ ही टीम लार्वा का सैंपल संग्रह कर लैब भेज रही है. इसके अलावा नगर निगम की टीम फॉगिंग कर रही है।
जीका वायरस का संक्रमण एडीज मच्छर से फैलता है. गर्भवती महिलाओं के लिए यह अधिक खतरनाक है. यही नहीं गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास में भी बाधक है. हालांकि इसकी मृत्यु दर कम है. पहली बार वर्ष 1952 में अफ्रीका के जंगल में एक लंगूर में जीका वायरस मिला था. वर्ष 1954 में इसे वैज्ञानिकों ने विषाणु करार दिया. वर्ष 2007 में एशिया और वर्ष 2021 में केरल और महाराष्ट्र में इसके केस मिले. विशेषज्ञों के मुताबिक 60 फ़ीसदी संक्रमितों में रोग के लक्षण नहीं उभरते हैं.
यह है प्रमुख लक्षण
- हल्का बुखार
- शरीर में दाने
- लाल चकत्ते
- सिर दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- आंख में लाली
- थकावट- घबराहट
ये है बचाव
- मच्छरों से खुद को बचाएं
- शरीर को फुल आस्तीन कपड़ों से ढक के रखें
- मच्छरों को घर के आसपास पनपने न दें
- गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर मच्छरों से बचाएं
- घर में टूटे बर्तन, टायर , कूलर में पानी भरा न रहने दें.
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