लखनऊ : देश के रक्षामंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने नए साल के जनवरी माह से आलमनगर सेटेलाइट रेलवे स्टेशन की शुरुआत हो जाने का दावा किया था, लेकिन काम पूरा न हो पाने के कारण समय पूरा होने के बावजूद आलमनगर रेलवे स्टेशन सेटेलाइट स्टेशन नहीं बन पाया है. आलमनगर रेलवे स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बनाने का काम अंतिम फेज में है. कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों के लिए सुविधाओं में इजाफा हो जाएगा.
रक्षामंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह की पहल पर आलमनगर स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित करने का खाका तैयार किया गया. इस पर कुल 96 करोड़ रुपये के आसपास खर्च किया जा रहा है. पिछले साल 16 नवम्बर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के आलमनगर रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने 15 जनवरी तक आलमनगर को सेटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित करने की बात रेलवे अधिकारियों से कही थी. दो माह पहले राजनाथ सिंह ने अधिकारियों को जल्द से जल्द काम पूरा कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन समय पूरा हो चुका है पर काम अभी भी अधूरा ही रह गया है. स्टेशन के नए भवन के निर्माण से लेकर नई लाइनों को बिछाने और प्लेटफॉर्म बनाने के साथ ही फुटओवर ब्रिज के निर्माण का काम किया जा रहा है. रक्षामंत्री के निरीक्षण के बाद डीआरएम सुरेश कुमार सपरा की निगरानी में निर्माण कार्य पूरे कराए जा रहे हैं. नए स्टेशन भवन के निर्माण, एक नई रेल लाइन, दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म के कार्य कराए जा रहे हैं. यात्री यातायात समेत मालगाड़ियों के संचालन को और अधिक सुगम बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है.
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सुरेश कुमार सपरा बताते हैं कि "आलमनगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या बढ़ने पर अन्य ट्रेनों के स्टॉपेज भी दिए जाएंगे. बेगमपुरा, दून, काशी और चंडीगढ़ एक्सप्रेस सहित आठ ट्रेनों के ठहराव के प्रस्ताव भेजे गए हैं. स्टेशन पर दो फुट ओवरब्रिज के जरिए पांच प्लेटफार्म को जोड़ा जा रहा है. स्टेशन के तीन प्लेटफार्म के अलावा दो और प्लेटफार्म तैयार किए जा रहे हैं. यात्री प्रतीक्षालय और राजाजीपुरम से आलमनगर स्टेशन तक के लिए एप्रोच रोड और पार्किंग जैसी सुविधाएं इस स्टेशन पर यात्रियों को मिलेंगी."
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