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Technical University Lucknow से जुड़े बीटेक, एमबीए व एमसीए के छात्र सीखेंगे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग - Vice Chancellor Professor JP Pandey

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबद्ध 750 संस्थानों में पढ़ रहे बीटेक, एमबीए व एमसीए के विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखेने का मौका मिलेगा. इस बाबत विश्वविद्यालय ने चार सप्ताह का कोर्स तैयार किया है.

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Published : Jun 3, 2023, 8:12 AM IST

लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) अपने सभी संबद्ध 750 संस्थानों में पढ़ रहे बीटेक एमबीए व एमसीए के विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा 'पाइथन' का कोर्स कराएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय चार हफ्ते का एक कोर्स तैयार किया है. इश कोर्स के लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा. यह कोर्स विश्वविद्यालय व वाईबीआई फाऊंडेशन के साथ मिलकर संचालित किया जाएगा. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय ने बताया कि ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग की ओर से विद्यार्थियों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है. यह चार सप्ताह का कोर्स होगा, जिसके लिए छह जून से ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

बैठक में इन प्रस्तावों पर लगेगी मुहर.
बैठक में इन प्रस्तावों पर लगेगी मुहर.

कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय के अनुसार पाइथन प्रोग्रामिंग विद स्ट्रक्चर एंड एल्गोरिथम प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभाग की ओर से सभी विद्यार्थियों को मेल किया गया है. इस ऑनलाइन कोर्स में बीटेक के (आईटी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल, केमिकल) सभी ब्रांच के विद्यार्थियों के अलावा एमबीए व एमसीए विषय के छात्र भी हिस्सा ले सकते हैं. यह कोर्स एक मल्टीनेशनल कंपनी के मांग पर तैयार किया गया है.


आईईटी में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर होगा शोध : इसके अलावा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के घटक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग रिमोट एरिया में पावर माइक्रोग्रिड बनाएगा. इससे सोलर पाॅवर ग्रिड से बिजली बनाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जाएगा. इसके अलावा वाहन जब खड़े होंगे तो उन्हें बैटरी की तरह भी प्रयोग किया जाएगा और बिजली की सप्लाई की जाएगी. आईईटी के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर सीतालक्ष्मी और डॉ. नितिन आनंद श्रीवास्तव को केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान बेंगलुरु की विद्युत अनुसंधान योजना (आरएसओपी) की ओर से 50 लाख रुपये परियोजना निधि मिली है. इसके तहत विद्युत मंत्रालय से इलेक्ट्रिक वाहन एकीकृत स्टैंड अलोन माइक्रोग्रिड ऑपरेशंस के जरिए ऊर्जा प्रबंधन किया जाएगा.



यह भी पढ़ें : रूतबा या उल्लंघन : लखनऊ में मंत्री की गाड़ी रोकने पर टोल मैनेजर समेत चार कर्मचारियों को जेल

लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) अपने सभी संबद्ध 750 संस्थानों में पढ़ रहे बीटेक एमबीए व एमसीए के विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा 'पाइथन' का कोर्स कराएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय चार हफ्ते का एक कोर्स तैयार किया है. इश कोर्स के लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा. यह कोर्स विश्वविद्यालय व वाईबीआई फाऊंडेशन के साथ मिलकर संचालित किया जाएगा. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय ने बताया कि ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग की ओर से विद्यार्थियों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है. यह चार सप्ताह का कोर्स होगा, जिसके लिए छह जून से ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

बैठक में इन प्रस्तावों पर लगेगी मुहर.
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कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय के अनुसार पाइथन प्रोग्रामिंग विद स्ट्रक्चर एंड एल्गोरिथम प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभाग की ओर से सभी विद्यार्थियों को मेल किया गया है. इस ऑनलाइन कोर्स में बीटेक के (आईटी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल, केमिकल) सभी ब्रांच के विद्यार्थियों के अलावा एमबीए व एमसीए विषय के छात्र भी हिस्सा ले सकते हैं. यह कोर्स एक मल्टीनेशनल कंपनी के मांग पर तैयार किया गया है.


आईईटी में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर होगा शोध : इसके अलावा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के घटक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग रिमोट एरिया में पावर माइक्रोग्रिड बनाएगा. इससे सोलर पाॅवर ग्रिड से बिजली बनाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जाएगा. इसके अलावा वाहन जब खड़े होंगे तो उन्हें बैटरी की तरह भी प्रयोग किया जाएगा और बिजली की सप्लाई की जाएगी. आईईटी के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर सीतालक्ष्मी और डॉ. नितिन आनंद श्रीवास्तव को केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान बेंगलुरु की विद्युत अनुसंधान योजना (आरएसओपी) की ओर से 50 लाख रुपये परियोजना निधि मिली है. इसके तहत विद्युत मंत्रालय से इलेक्ट्रिक वाहन एकीकृत स्टैंड अलोन माइक्रोग्रिड ऑपरेशंस के जरिए ऊर्जा प्रबंधन किया जाएगा.



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