लखनऊः डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का 19वां दीक्षांत समारोह आगामी 15 दिसंबर को हो सकता है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस संबंध में कुलाधिपति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र भेज गया है. उनकी सहमति मिलने पर ही कार्यक्रम निर्धारित किया जाएगा. इस बार विश्वविद्यालय की ओर से मानद उपाधि दिए जाने की तैयारी है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. संजय गोविंद धांड़े का नाम सामने आया है.
पद्म श्री संजय गोविंद धांड़े आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक, एक अभिनव प्रौद्योगिकीविद्, शिक्षाविद, प्रख्यात शोधकर्ता, दूरदर्शी संस्थान निर्माता और एक सक्षम प्रशासक हैं. इनके योगदान को विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाता है. उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सदस्य के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया है.
उन्होंने पुणे और कोलकाता में भारतीय शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) को स्थापित करने में भारत सरकार को सहयोग किया. कंप्यूटर एडेड डिजाइन, रैपिड प्रोटोटाइप, रैपिड टूलिंग और रिवर्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किया है.
प्रो. धांड़े ने ऑटोले तकनीकी को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जो वर्तमान में दुनिया भर के प्रमुख विमान निर्माताओं द्वारा उपयोग की जाती है. यहां तक कि भारत में हल्के लड़ाकू विमानों के निर्माण के लिए भी उपयोग की जाती है. वह पीडीपीएम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग, जबलपुर के संस्थापक निदेशक भी थे. उन्होंने इस क्षेत्र में उपलब्ध पारंपरिक तकनीक को विकसित करने के लिए कानपुर के पास इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सैडलरी टेक्नोलॉजी एंड एक्सपोर्ट मैनेजमेंट (IISTEM) की भी स्थापना की.
यह है एकेटीयू की तैयारियां
विश्वविद्यालय की ओर से दीक्षांत समारोह की प्रस्तावित थी और मानद उपाधि के लिए नाम राजभवन को भेज दिया है. वहां से मुहर लगने के बाद अंतिम रूप से कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी.
दीक्षांत समारोह में मेडल पाने वाले छात्रों के नामों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की ओर से संभावित सूची वेबसाइट पर अपलोड की गई है. उस सूची के आधार पर आपत्तियां मांगी गई हैं. आपत्ति दर्ज कराने के लिए 18 नवंबर तक का अवसर दिया गया है.
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