लखनऊ. उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को लेकर सरकार चाहे कितने ही दावे क्यों न करें लेकिन यहां के कॉलेजों की साख एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. यही कारण है कि छात्र डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में दाखिला लेने को तैयार नहीं है. एकेटीयू से जुड़े करीब 750 कॉलेजों में सिर्फ 19 हजार सीटों पर ही दाखिले हुए हैं.
बताया जाता है कि 30 से ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं जिनमें एक भी दाखिला काउंसलिंग के माध्यम से नहीं हुआ. विशेषज्ञ इसे कॉलेज की गिरती साख और कोरोना संक्रमण के आने के बाद कंप्यूटर साइंस व आईटी के अलावा सभी अन्य पाठ्यक्रमों की गिरती डिमांड के रूप में देख रहे हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो कंप्यूटर साइंस और आईटी सेक्टर में नौकरियों की भरमार है जबकि अन्य क्षेत्रों में गिरावट देखने को मिल रही है. इसका असर अब कॉलेजों में होने वाले दाखिलों पर भी साफ देखने को मिल रहा है.
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय अपने करीब 750 कॉलेजों के साथ ही उत्तर प्रदेश के करीब 10 राज्य विश्वविद्यालयों में संचालित इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए भी काउंसलिंग कराता है. कई राउंड की स्पेशल काउंसलिंग और डायरेक्ट एडमिशन के बावजूद विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों और दूसरे राज्य विश्वविद्यालय में करीब 85 हजार सीटें खाली रह गईं.
यह है खाली सीटों की स्थिति
एकेटीयू के संस्थानों में 84610 सीटें खाली रह गईं हैं. अन्य विश्वविद्यालयों में 2212 सीटें खाली हैं. एकेटीयू के संस्थानों में 19057 और अन्य विश्वविद्यालयों में 2465 दाखिले हुए. एकेटीयू की काउंसलिंग से बी.फार्मा में 4019 दाखिले हुए हैं. लैटरल एंट्री से भी 126 दाखिले लिए गए हैं. बीटेक में 13345 दाखिले हुए हैं.
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