लखनऊ : समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत अस्थाई प्रकृति के कर्मचारियों को स्थाई रोजगार दिए जाने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा है कि 'खूब जमेगा रंग, जब मिल बैठेंगे संग'
‘विकास’ पूछ रहा है... भाजपा अपनी रैलियों में केवल विपक्ष की ही बातें क्यों कर रही है? क्या भाजपा के पाँच साल के शासनकाल में उनकी अपनी कोई भी सकारात्मक उपलब्धि नहीं है?
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जनता के आक्रोश और हार के डर से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गर्मी का बहाना करके चुनाव प्रचार से बच रहे हैं.
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 25, 2019
जनता के आक्रोश और हार के डर से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गर्मी का बहाना करके चुनाव प्रचार से बच रहे हैं.‘विकास’ पूछ रहा है... भाजपा अपनी रैलियों में केवल विपक्ष की ही बातें क्यों कर रही है? क्या भाजपा के पाँच साल के शासनकाल में उनकी अपनी कोई भी सकारात्मक उपलब्धि नहीं है?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 25, 2019
जनता के आक्रोश और हार के डर से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गर्मी का बहाना करके चुनाव प्रचार से बच रहे हैं.
सपा नेता अखिलेश यादव ने चुनाव के मौके पर बेरोजगार युवाओं का मुद्दा उठाया है. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए संदेश देने की कोशिश की है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत अस्थाई प्रकृति के कर्मचारी अगर एकजुट होकर मतदान करें तो बदलाव मुमकिन है.
उन्होंने एक सूची भी जारी की है जिसमें यूपी शिक्षामित्र, यूपी बीपीएड, यूपीटीईटी 2011, यूपी शिक्षा प्रेरक, यूपी बीपीएड, अनुदेशक दावेदार, यूपी ग्राम रोजगार सेवक, यूपी आंगनबाड़ी सहायिका, यूपी आशा बहू, यूपी रसोईया और कार्यरत अनुदेशक को शामिल किया गया है. इस सूची के साथ उन्होनें लिखा कि इन लोगों को स्थाई रोजगार चाहिए न कि चौकीदार.
उन्होने आगे लिखा की 'विकास' पूछ रहा है. भाजपा अपनी रैलियों में केवल विपक्ष की ही बातें क्यों कर रही है? क्या भाजपा के पांच साल के शासनकाल में उनकी अपनी कोई भी सकारात्मक उपलब्धि नहीं है? जनता के आक्रोश और हार के डर से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गर्मी का बहाना करके चुनाव प्रचार से बच रहे हैं.