लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जीत की कोशिश में जुटी समाजवादी पार्टी आज पश्चिमी यूपी में एक बड़ी परिवर्तन संदेश रैली का आयोजन करने जा रही है. इस रैली को समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने संयुक्त दल ने आयोजित किया है. आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पटखनी देने के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने हाथ मिलाया है.
समाजवादी पार्टी (सपा) और रालोद गठबंधन की पहली रैली आज यानी मंगलवार को मेरठ के सरधना में आयोजित की गई है. रैली को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह संबोधित करेंगे. रैली में विधानसभा चुनाव के पहले अपनी ताकत का एहसास बीजेपी को कराने की कोशिश दोनों पार्टियां करेंगी.
केंद्र सरकार ने भले ही तीन कृषि कानून बिल को वापस ले लिया है, लेकिन कहीं न कहीं अभी भी किसान बीजेपी से नाराज है. जिसका फायदा सपा और रालोद पश्चिम यूपी में परिवर्तन संदेश रैली के माध्यम से उठाना चाहेगी.
वहीं, रैली में किसानों की नाराजगी के साथ ही गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, कानून व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, नोटबंदी जीएसटी जैसे तमाम मुद्दों को लेकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी बीजेपी पर हमलावर होते हुए नजर आएंगे.
खास बात यह भी हो सकती है कि आज रैली में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के सियासी गठबंधन का औपचारिक ऐलान भी हो जाए. सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को 36 सीटें देने के लिए सहमत हो चुकी है. वहीं, कुछ सीटों पर सपा अपने प्रत्याशी रालोद के सिंबल पर उतारेगी.
रैली में पहुंचे सुभासपा के कार्यकर्ता
मेरठ जिले में आज राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी की साझा रैली में सुभासपा के कार्यकर्ता भी प्रदेश के अलग-अलग जिलों से मेरठ पहुंचे हैं. वहीं, सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के भी इस रैली में आने का दावा किया जा रहा है.
मेरठ के दबथुवा में आज रालोद और समाजवादी पार्टी की संयुक्त परिवर्तन रैली है. इस रैली में जहां राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता हरि टोपी लगाकर आ रहे हैं, वहीं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लाल टोपी में पहुंच रहे हैं. इस बीच सुभासपा के कार्यकर्ता भी पीली टोपी लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं.
सुभासपा(सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ) के दिल्ली से आए प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद आरिफ अली ने बताया कि इस बार उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मंशा यही है कि प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बने.
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