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भाजपा राज में हुई किसानों की बर्बादी: अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा राज में किसान बर्बाद हो गए हैं. उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने गोरखपुर, अमरोहा, हरदोई और बाराबंकी में खाद वितरण में हुए घोटाले को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा.

akhilesh yadav targeted bjp
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव.
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Published : Aug 21, 2020, 12:41 AM IST

लखनऊ: किसानों की समस्याओं को लेकर एक बार फिर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में किसानों की जितनी बर्बादी हुई है और उन्हें अपमानित किया गया है, उतना पहले कभी नहीं हुआ.

'गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ बकाया'
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'धान की रोपाई के लिए किसान खाद को तरस रहा है. गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये बकाया है, लेकिन इसके भुगतान पर सरकार गम्भीर नहीं है'. उन्होंने आरोप लगाया, 'गन्ना किसानों का अपमान करने के लिए केंद्र सरकार ने 285 रुपये कुंतल समर्थन मूल्य रखा है. यह वृद्धि 10 रुपया प्रति क्विंटल की है. किसानों की आय दोगुनी कब होगी? 2022 तो अब दरवाजे पर ही खड़ा है. किसान तो इंतजार कर रहा है कि उसके लिए घोषित राहत पैकेज की रकम कहां है?'

'यूरिया के नाम पर हो रही कालाबाजारी'
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'राज्य का किसान भाजपा राज में आपदा और अभाव से अभिशप्त है. खरीफ की फसल के लिए यूरिया चाहिए पर तमाम साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली हैं.' उन्होंने कहा, 'अमरोहा में खाद वितरण में घोटाला मिला है. यहां साधन सहकारी समिति वालों ने ब्लैक में चंद किसानों को सैकड़ों बोरी खाद बेच दी. वहीं हरदोई में यूरिया के नाम पर कालाबाजारी चल रही है. बाराबंकी के जिलाधिकारी ने तो खुद अपनी जांच में पाया कि कई दुकानदार ने अपने भूमिहीन बेटे और नौकर को खाद बेच दी तो कहीं खाद न होने का बहाना बनाया, जबकि उनकी दुकान के अंदर खाद की बोरियां भरी थीं. ऐसे गड़बड़ी वाले 21 खाद विक्रेता चिह्नित किए गए हैं.'

'गोरखपुर में उजागर हुआ खाद घोटाला'
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में 23 हजार 252 क्विंटल खाद घोटाला उजागर हुआ है. फर्जी नामों पर खाद बिक्री के धंधे में 18 विक्रेताओं की सूची बनी है. उन्होंने कहा कि उन्नाव में खाद न मिलने की शिकायत राज्य के सहकारिता मंत्री से की गई है और उनसे धान रोपाई के लिए शीघ्र यूरिया और डीएपी की उपलब्धता कराने का आग्रह किया गया है.

'दुकानदार मनमाने दाम में बेच रहे यूरिया'
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी ढील का फायदा उठाकर बाजार में कालाबाजारियों ने तबाही मचा रखी है. सरकार द्वारा यूरिया का दाम 266 रुपये निर्धारित है, लेकिन दुकानदार 350 से लेकर 400 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि घोटालेबाजों ने कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना आधार कार्ड के खाद की बिक्री दिखा दी. फर्जी और काल्पनिक नामों का इस्तेमाल कर फर्जी पहचान पत्र के नम्बर पीओएस मशीन में दर्ज कर अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक हजारों कुंतल खाद अवैध ढंग से बेच डाली गई.

'अवैध बिक्री को रोक पाने में नाकाम रहा कृषि विभाग'
सपा मुखिया ने कहा कि ऐसी भी शिकायते हैं कि कई स्थानों पर किसानों को खाद की बोरी के साथ कीटनाशक व रसायन जिंक आदि की खरीद के लिए भी बाध्य किया जाता है. खाद के थोक विक्रेता फुटकर दुकानदारों को अपनी शर्तों पर खाद बेच रहे हैं. इसमें कृषि विभाग के अफसरों की भी साठगांठ रहती है. कृषि विभाग न तो अवैध बिक्री पर रोक लगा रहा है और न ही निर्धारित दर पर खाद बिकवा पा रहा है. किसानों में इससे भारी आक्रोश है.

'कारपोरेट की संरक्षक पार्टी है बीजेपी'
अखिलेश यादव ने कहा कि किसान अन्नदाता है. भाजपा उसकी हितचिंता से बेपरवाह है. वह तो कारपोरेट की संरक्षक पार्टी है. उन्होंने कहा कि किसानों की मौत पर भी बीजेपी की संवेदना नहीं जागती है. भाजपा ने कृषि अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है.

ये भी पढ़ें: पहले इंसान का अपहरण होता था, अब बसों को हाईजैक किया जाने लगा: अखिलेश यादव

लखनऊ: किसानों की समस्याओं को लेकर एक बार फिर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में किसानों की जितनी बर्बादी हुई है और उन्हें अपमानित किया गया है, उतना पहले कभी नहीं हुआ.

'गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ बकाया'
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'धान की रोपाई के लिए किसान खाद को तरस रहा है. गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये बकाया है, लेकिन इसके भुगतान पर सरकार गम्भीर नहीं है'. उन्होंने आरोप लगाया, 'गन्ना किसानों का अपमान करने के लिए केंद्र सरकार ने 285 रुपये कुंतल समर्थन मूल्य रखा है. यह वृद्धि 10 रुपया प्रति क्विंटल की है. किसानों की आय दोगुनी कब होगी? 2022 तो अब दरवाजे पर ही खड़ा है. किसान तो इंतजार कर रहा है कि उसके लिए घोषित राहत पैकेज की रकम कहां है?'

'यूरिया के नाम पर हो रही कालाबाजारी'
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'राज्य का किसान भाजपा राज में आपदा और अभाव से अभिशप्त है. खरीफ की फसल के लिए यूरिया चाहिए पर तमाम साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली हैं.' उन्होंने कहा, 'अमरोहा में खाद वितरण में घोटाला मिला है. यहां साधन सहकारी समिति वालों ने ब्लैक में चंद किसानों को सैकड़ों बोरी खाद बेच दी. वहीं हरदोई में यूरिया के नाम पर कालाबाजारी चल रही है. बाराबंकी के जिलाधिकारी ने तो खुद अपनी जांच में पाया कि कई दुकानदार ने अपने भूमिहीन बेटे और नौकर को खाद बेच दी तो कहीं खाद न होने का बहाना बनाया, जबकि उनकी दुकान के अंदर खाद की बोरियां भरी थीं. ऐसे गड़बड़ी वाले 21 खाद विक्रेता चिह्नित किए गए हैं.'

'गोरखपुर में उजागर हुआ खाद घोटाला'
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में 23 हजार 252 क्विंटल खाद घोटाला उजागर हुआ है. फर्जी नामों पर खाद बिक्री के धंधे में 18 विक्रेताओं की सूची बनी है. उन्होंने कहा कि उन्नाव में खाद न मिलने की शिकायत राज्य के सहकारिता मंत्री से की गई है और उनसे धान रोपाई के लिए शीघ्र यूरिया और डीएपी की उपलब्धता कराने का आग्रह किया गया है.

'दुकानदार मनमाने दाम में बेच रहे यूरिया'
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी ढील का फायदा उठाकर बाजार में कालाबाजारियों ने तबाही मचा रखी है. सरकार द्वारा यूरिया का दाम 266 रुपये निर्धारित है, लेकिन दुकानदार 350 से लेकर 400 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि घोटालेबाजों ने कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना आधार कार्ड के खाद की बिक्री दिखा दी. फर्जी और काल्पनिक नामों का इस्तेमाल कर फर्जी पहचान पत्र के नम्बर पीओएस मशीन में दर्ज कर अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक हजारों कुंतल खाद अवैध ढंग से बेच डाली गई.

'अवैध बिक्री को रोक पाने में नाकाम रहा कृषि विभाग'
सपा मुखिया ने कहा कि ऐसी भी शिकायते हैं कि कई स्थानों पर किसानों को खाद की बोरी के साथ कीटनाशक व रसायन जिंक आदि की खरीद के लिए भी बाध्य किया जाता है. खाद के थोक विक्रेता फुटकर दुकानदारों को अपनी शर्तों पर खाद बेच रहे हैं. इसमें कृषि विभाग के अफसरों की भी साठगांठ रहती है. कृषि विभाग न तो अवैध बिक्री पर रोक लगा रहा है और न ही निर्धारित दर पर खाद बिकवा पा रहा है. किसानों में इससे भारी आक्रोश है.

'कारपोरेट की संरक्षक पार्टी है बीजेपी'
अखिलेश यादव ने कहा कि किसान अन्नदाता है. भाजपा उसकी हितचिंता से बेपरवाह है. वह तो कारपोरेट की संरक्षक पार्टी है. उन्होंने कहा कि किसानों की मौत पर भी बीजेपी की संवेदना नहीं जागती है. भाजपा ने कृषि अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है.

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