लखनऊ : सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि 'उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की नई नीति गरीब पावरलूम बुनकरों के छोटे उद्योग को समाप्त कर रही है, ताकि बड़े उद्योगपतियों को इसका लाभ मिले. अगर 2006 वाली व्यवस्था बहाल न की गयी तो पूरे प्रदेश का पावरलूम बुनकर तबाह और बर्बाद हो जायेगा. पुरानी व्यवस्था को लागू कराने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार को अपना निर्णय वापस ले लेना चाहिए.'
सपा के मुख्य प्रवक्ता की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'समाजवादी पार्टी की सरकार में जून 2006 में किसानों की भांति बुनकरों को भी फ्लैट रेट में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गयी थी. उस आदेश के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र के बुनकरों को प्रति पावरलूम 42 रुपये और नगरीय क्षेत्र के बुनकरों को प्रति लूम 72 रुपये देने का आदेश किया गया था. अन्य उपकरणों के लिए उस आदेश में प्रति हार्सपावर 165 रुपये की व्यवस्था की गयी थी. इस सुविधा के कारण प्रदेश के लाखों बुनकरो का नुकसान हुआ है.'
उन्होंने कहा कि 'सन् 2012 में जब समाजवादी पार्टी की फिर सरकार बनी तो उस शासनादेश को जारी रखा गया. जब 2017 में भाजपा की उत्तर प्रदेश में सरकार बनी तो सरकार ने फ्लैट रेट को निरस्त करते हुए दिसम्बर 2019 में एक नया आदेश जारी कर दिया. इस आदेश के बाद पूरे प्रदेश के बुनकर आन्दोलित हुए. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 4 वर्ष बाद 05 अप्रैल 2023 को भाजपा सरकार ने कैबिनेट से एक प्रस्ताव पास किया है. जिसके अनुसार अब बुनकरों को ग्रामीण क्षेत्र में 42 रुपये के स्थान पर 300 रुपये देना होगा और 72 रुपये के स्थान पर 400 रुपये तथा 1 हार्सपावर पर 165 के स्थान पर 800 रुपये अन्य उपकरणों के लिए देना पडे़गा.