लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश के गांव व कस्बों में चिकित्सा सेवाओं की दूर व्यवस्था पर जिस तरह से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी, ऐसे में प्रदेश सरकार को जाग जाना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि दिखावटी दौरों से कुछ नहीं होने वाला. मरते हुए लोगों के प्रति संवेदना और सक्रियता दिखाकर मानवीय बनने की जरूरत है.
महंगाई से जनजीवन तबाह
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने तय कर लिया है कि वह असत्य के सिवा कुछ नहीं बोलेगी और अपने पूरे कार्यकाल में छल-कपट की राजनीति के अलावा कुछ नहीं करेगी. महंगाई की मार से जनजीवन पूरी तरह से तबाह है. डीजल-पेट्रोल की दरों में लगातार वृद्धि हो रही है. विद्युत महंगी करने पर भाजपा सरकार आमादा है. किसान घोर मुश्किल में फंसा है. किसानों के ऊपर तिहरी मार पड़ रही है. किसानों पर कोरोना का कहर टूट पड़ा है. उच्च न्यायालय को कहना पड़ा कि गांवों में चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे है. महंगाई के कारण खेती के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो गई है तथा उसकी फसल की लूट रुक नहीं रही है.
इसे भी पढ़ेंः यूपी में कोरोना रिकवरी दर पहुंची 90.6 प्रतिशत: योगी आदित्यनाथ
जानबूझकर किसानों को लाभ नहीं देना चाहती सरकार
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं देना चाहती है. गेहूं खरीद में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर दी गई है. गांवों के किसान को परेशानी में फंसाए रखने की यह भाजपाई साजिश का हिस्सा है. रजिस्ट्रेशन के बाद गेहूं का सैंपल पास कराना होता है, तब भी क्रय केंद्रों में धांधली के कारण एमएसपी पर बिक्री नहीं होती है. धान की फसल के बेहन के लिए प्रदेश में बीज का अभाव बना हुआ है. भाजपा के अंधेर राज में किसान की बदहाली और भाजपा के प्रश्रय प्राप्त बिचौलियों की खुशहाली ही वांछित है. पहले धान की लूट हो ही चुकी है.