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अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र, कहा-मेरे अधिकारों का हनन

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Published : Dec 8, 2020, 12:19 AM IST

Updated : Dec 8, 2020, 1:30 AM IST

अखिलेश यादव ने पुलिस कस्टडी से बाहर आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि बतौर सांसद और आम नागरिक भी उनके अधिकारों का हनन हुआ है. लखनऊ में किसान यात्रा निकालने पर उन्हें हिरासत में लिया गया था. सपा के प्रदर्शन को लेकर 4 FIR दर्ज कराई गई हैं. साथ ही आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत अखिलेश यादव पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है.

समर्थकों के साथ अखिलेश यादव
समर्थकों के साथ अखिलेश यादव

लखनऊ: किसान रैली आयोजन को लेकर हिरासत में लिए गए अखिलेश यादव ने बाहर आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पुलिस के रवैए पर सवाल खड़े किए हैं. अखिलेश ने पुलिस के इस व्यवहार को एक सांसद और नागरिक के तौर पर अधिकारों का हनन बताया है. किसान बिल को वापस लेने की मांग कर रहे दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में अखिलेश रैली कर रहे थे.

किसानों के समर्थन में उतरी समाजवादी पार्टी को पुलिस ने रोका तो सपा के मुखिया अखिलेश यादव खुद बंदरिया बाग चौराहे पर धरने पर बैठ गए. इसके बाद पुलिस ने अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया. दिन भर चली इस गहमा-गहमी के बाद लखनऊ पुलिस ने अखिलेश यादव के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत गौतम पल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की है. इसी के साथ तीन अन्य एफआईआर भी दर्ज की गई हैं. दूसरी FIR गौतम पल्ली थाने में दर्ज की गई है, जिसमें कई लोगों को आरोपी बनाया गया है. 2 FIR आलमबाग थाने में भी दर्ज की गई हैं, जिसमें सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन और आनंद भदौरिया को आरोपी बनाया गया है.


सरकार के निर्देश पर मेरे साथ बर्बरता

अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह आरोप लगाए हैं कि सरकार के निर्देशों पर पुलिस उनके साथ बर्बरता कर रही है. जिस तरह से पुलिस ने उन्हें किसान यात्रा करने से रोका यह एक सांसद के विशेष अधिकारों का हनन है. साथ ही नागरिक होने के नाते मेरे नागरिक अधिकारों का भी हनन है. पत्र लिखकर अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को जानकारी उपलब्ध कराई है कि सरकार के निर्देशों पर पुलिस ने उन्हें कन्नौज जाने से रोका और उनके वाहन भी जब्त कर लिए. अखिलेश यादव ने पत्र लिखकर लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.


आपदा प्रबंधन एक्ट में दर्ज हुई FIR

8 दिसंबर को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने देशबंदी का आह्वान किया था, जिसके बाद अखिलेश यादव ने किसानों के समर्थन में सोमवार को किसान यात्रा निकालने का एलान किया था. यह किसान यात्रा कन्नौज से निकलनी थी, जिसके लिए अखिलेश यादव को लखनऊ से कन्नौज जाना था, लेकिन सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल अखिलेश यादव के कार्यालय और आवास पर इकट्ठा हुए. पुलिस अखिलेश यादव और समर्थकों को कन्नौज नहीं जाने दे रही थी, जिसके बाद अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ कार्यालय से कुछ दूरी पर स्थित बंदरिया बाग चौराहे पर धरने पर बैठ गए, जिसके बाद पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन में अखिलेश यादव को हिरासत में लिया. देर शाम अखिलेश यादव को छोड़ा गया. प्रदर्शन को लेकर लखनऊ पुलिस ने अखिलेश यादव सहित 28 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर गौतम पल्ली थाने में आपदा प्रबंधन एक्ट में दर्ज की गई है.

लखनऊ: किसान रैली आयोजन को लेकर हिरासत में लिए गए अखिलेश यादव ने बाहर आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पुलिस के रवैए पर सवाल खड़े किए हैं. अखिलेश ने पुलिस के इस व्यवहार को एक सांसद और नागरिक के तौर पर अधिकारों का हनन बताया है. किसान बिल को वापस लेने की मांग कर रहे दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में अखिलेश रैली कर रहे थे.

किसानों के समर्थन में उतरी समाजवादी पार्टी को पुलिस ने रोका तो सपा के मुखिया अखिलेश यादव खुद बंदरिया बाग चौराहे पर धरने पर बैठ गए. इसके बाद पुलिस ने अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया. दिन भर चली इस गहमा-गहमी के बाद लखनऊ पुलिस ने अखिलेश यादव के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत गौतम पल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की है. इसी के साथ तीन अन्य एफआईआर भी दर्ज की गई हैं. दूसरी FIR गौतम पल्ली थाने में दर्ज की गई है, जिसमें कई लोगों को आरोपी बनाया गया है. 2 FIR आलमबाग थाने में भी दर्ज की गई हैं, जिसमें सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन और आनंद भदौरिया को आरोपी बनाया गया है.


सरकार के निर्देश पर मेरे साथ बर्बरता

अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह आरोप लगाए हैं कि सरकार के निर्देशों पर पुलिस उनके साथ बर्बरता कर रही है. जिस तरह से पुलिस ने उन्हें किसान यात्रा करने से रोका यह एक सांसद के विशेष अधिकारों का हनन है. साथ ही नागरिक होने के नाते मेरे नागरिक अधिकारों का भी हनन है. पत्र लिखकर अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को जानकारी उपलब्ध कराई है कि सरकार के निर्देशों पर पुलिस ने उन्हें कन्नौज जाने से रोका और उनके वाहन भी जब्त कर लिए. अखिलेश यादव ने पत्र लिखकर लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.


आपदा प्रबंधन एक्ट में दर्ज हुई FIR

8 दिसंबर को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने देशबंदी का आह्वान किया था, जिसके बाद अखिलेश यादव ने किसानों के समर्थन में सोमवार को किसान यात्रा निकालने का एलान किया था. यह किसान यात्रा कन्नौज से निकलनी थी, जिसके लिए अखिलेश यादव को लखनऊ से कन्नौज जाना था, लेकिन सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल अखिलेश यादव के कार्यालय और आवास पर इकट्ठा हुए. पुलिस अखिलेश यादव और समर्थकों को कन्नौज नहीं जाने दे रही थी, जिसके बाद अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ कार्यालय से कुछ दूरी पर स्थित बंदरिया बाग चौराहे पर धरने पर बैठ गए, जिसके बाद पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन में अखिलेश यादव को हिरासत में लिया. देर शाम अखिलेश यादव को छोड़ा गया. प्रदर्शन को लेकर लखनऊ पुलिस ने अखिलेश यादव सहित 28 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर गौतम पल्ली थाने में आपदा प्रबंधन एक्ट में दर्ज की गई है.

Last Updated : Dec 8, 2020, 1:30 AM IST
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