लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की तार्किक मांग तभी सार्थक साबित होगी जब कोरोना की सघन जांच होगी. उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना होगा कि स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा और जनता को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति मिल सके.
योगी सरकार पर साधा निशान
अखिलेश यादव ने कहा कि नकदी की समस्या को समाप्त करने के लिए बैंकों के साथ गांव-मोहल्ले, कालोनी स्तर पर भी व्यवस्था करनी चाहिए. जो रात दिन अपना परिवार छोड़ अपना जीवन खतरे में डालकर कोरोना युद्ध में अहम किरदार निभा रहे हैं. ऐसे योद्धाओं को सरकार समय पर पौष्टिक भोजन तक न दे सके, यह शर्म की बात है. जीवन रक्षक सामग्री, खाना और वेतन जीवन रक्षकों के प्रति सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.
मेडिकल एडवायजरी का पालन करें
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लॉकडाउन का पालन सभी लोग पूरी ईमानदारी से करें. संकट के इन क्षणों में सभी मेडिकल एडवायजरी का पालन करें. इस सम्बंध में टीम-इलेवन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो भी कर्मचारी गरीबों और प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं उनकी तरफ से कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.
राज्य सरकार को दिखानी चाहिए मानवीय संवेदना
राज्य सरकार को उनके बारे में भी मानवीय संवेदना दिखानी चाहिए जो श्रमिक कैंपों में रह रहे हैं. इनमें से कुछ का भोजन के लिए सड़कों पर आना और कुछ का जान बचाने के लिए चोरी छिपे पलायन पर उतारू होना कहीं न कहीं प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाता है.
सपा कार्यकर्ताओं की सराहना
उन्होंने कहा कि इंसान की मदद से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है. समाजवादी पार्टी के वे सभी नेता, विधायक एवं कार्यकर्ता सराहना के पात्र हैं जो भूखे-प्यासे लोगों के बीच मास्क लगाकर, उचित दूरी बनाए हुए राहत सामग्री बांटने और मदद करने का चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे हैं. प्रशासनिक स्तर पर इनके काम में बाधा नहीं डाली जानी चाहिए.