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जातीय समीकरण साधने में जुटे अखिलेश, बसपा से आए नेताओं को दिया पार्टी में बड़ा पद

राजनीति में दल बदलने वाले नेताओं को नई पार्टी में दायित्व हासिल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. मगर अखिलेश यादव जातीय समीकरण के कैलकुलेशन के बाद बसपा से आए नेताओं को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दे रहे हैं.

राजनीतिक विश्लेषक विजय शंकर पंकज ने दी जानकारी.
राजनीतिक विश्लेषक विजय शंकर पंकज ने दी जानकारी.
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Published : Mar 29, 2023, 6:23 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 7:41 PM IST

राजनीतिक विश्लेषक विजय शंकर पंकज ने दी जानकारी.

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी से जुड़े रहे और बसपा बैकग्राउंड वाले कई नेताओं को समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नई हवा और नई सपा के नारे के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं, इसीलिए उन्होंने जातीय समीकरण में फिट बैठने वाले पिछड़े और दलित नेताओं को समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. अब इन पुराने बसपाई नेताओं के सहारे समाजवादी पार्टी पिछड़े और दलित समाज के लोगों को जोड़ने का अभियान चलाएगी.

big post in Samajwadi Party
सपा के बैनर और पोस्टर पर भी दूसरे दलों के आए नेताओं के चेहरे नजर आ रहे हैं.

दरअसल पिछले कुछ समय से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय समीकरण के हिसाब से संगठन में फेरबदल कर रहे हैं. कास्ट कैलकुलेशन के हिसाब से अखिलेश यादव ने बसपा से सपा में आए नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. अखिलेश यादव की मंशा है कि बहुजन समाज पार्टी से आए नेताओं को अगर बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी तो उनकी बिरादरी के लोगों को पार्टी से जोड़ने में आसानी हो सकेगी. यही कारण है कि उन्होंने इंद्रजीत सरोज, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, सुखदेव राजभर के बेटे कमलाकांत राजभर को पार्टी में पद से नवाजा गया है. ये सभी नेता कभी अपने क्षेत्रों में बसपा के कर्ता-धर्ता थे. इसके अलावा बीजेपी से समाजवादी पार्टी में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. बसपा बैकग्राउंड के रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी को भी सपा के राष्ट्रीय संगठन में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है.

Old BSP leaders in samajwadi Party
सपा की साइकिल पर चढ़ने वाले पुराने बसपाई को ओहदा उनकी जाति में पकड़ के हिसाब से दिया गया है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि समाजवादी पार्टी सभी वर्ग सभी समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलती है. दूसरी विचारधाराओं के जो भी नेता समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हैं, उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है. सपा का मकसद है कि हम समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर आगे बढ़े. किसी समाज के नेता को अगर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी तो उस बिरादरी के लोगों के बीच भी अच्छा संदेश जाएगा. वह लोग भी समाजवादी पार्टी से जुड़ सकेंगे. स्वाभाविक रूप से इसका फायदा समाजवादी पार्टी को चुनावी राजनीति में होगा.

राजनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर पंकज कहते हैं कि अखिलेश यादव अपनी चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं. बसपा बैकग्राउंड से जो नेता समाजवादी पार्टी में आए हैं, उनका अपने समाज के बीच अच्छा जनाधार रहा है. इन नेताओं के माध्यम से समाजवादी पार्टी उस समाज के लोगों को अपने साथ वोट के रूप में लाने की रणनीति बना रही है. यही कारण है कि बसपा से जुड़े नेताओं को पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

पढ़ें : सपा ने नियुक्त किए 24 जिलाध्यक्ष, बड़े नेताओं को बनाया लोकसभा प्रभारी

राजनीतिक विश्लेषक विजय शंकर पंकज ने दी जानकारी.

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी से जुड़े रहे और बसपा बैकग्राउंड वाले कई नेताओं को समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नई हवा और नई सपा के नारे के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं, इसीलिए उन्होंने जातीय समीकरण में फिट बैठने वाले पिछड़े और दलित नेताओं को समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. अब इन पुराने बसपाई नेताओं के सहारे समाजवादी पार्टी पिछड़े और दलित समाज के लोगों को जोड़ने का अभियान चलाएगी.

big post in Samajwadi Party
सपा के बैनर और पोस्टर पर भी दूसरे दलों के आए नेताओं के चेहरे नजर आ रहे हैं.

दरअसल पिछले कुछ समय से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय समीकरण के हिसाब से संगठन में फेरबदल कर रहे हैं. कास्ट कैलकुलेशन के हिसाब से अखिलेश यादव ने बसपा से सपा में आए नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. अखिलेश यादव की मंशा है कि बहुजन समाज पार्टी से आए नेताओं को अगर बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी तो उनकी बिरादरी के लोगों को पार्टी से जोड़ने में आसानी हो सकेगी. यही कारण है कि उन्होंने इंद्रजीत सरोज, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, सुखदेव राजभर के बेटे कमलाकांत राजभर को पार्टी में पद से नवाजा गया है. ये सभी नेता कभी अपने क्षेत्रों में बसपा के कर्ता-धर्ता थे. इसके अलावा बीजेपी से समाजवादी पार्टी में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. बसपा बैकग्राउंड के रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी को भी सपा के राष्ट्रीय संगठन में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है.

Old BSP leaders in samajwadi Party
सपा की साइकिल पर चढ़ने वाले पुराने बसपाई को ओहदा उनकी जाति में पकड़ के हिसाब से दिया गया है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि समाजवादी पार्टी सभी वर्ग सभी समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलती है. दूसरी विचारधाराओं के जो भी नेता समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हैं, उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है. सपा का मकसद है कि हम समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर आगे बढ़े. किसी समाज के नेता को अगर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी तो उस बिरादरी के लोगों के बीच भी अच्छा संदेश जाएगा. वह लोग भी समाजवादी पार्टी से जुड़ सकेंगे. स्वाभाविक रूप से इसका फायदा समाजवादी पार्टी को चुनावी राजनीति में होगा.

राजनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर पंकज कहते हैं कि अखिलेश यादव अपनी चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं. बसपा बैकग्राउंड से जो नेता समाजवादी पार्टी में आए हैं, उनका अपने समाज के बीच अच्छा जनाधार रहा है. इन नेताओं के माध्यम से समाजवादी पार्टी उस समाज के लोगों को अपने साथ वोट के रूप में लाने की रणनीति बना रही है. यही कारण है कि बसपा से जुड़े नेताओं को पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

पढ़ें : सपा ने नियुक्त किए 24 जिलाध्यक्ष, बड़े नेताओं को बनाया लोकसभा प्रभारी

Last Updated : Mar 29, 2023, 7:41 PM IST
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