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जिस अपशकुन से पिता मुलायम की गद्दी गई थी, उससे बचकर निकले अखिलेश यादव...पढ़िए पूरी स्टोरी

11 साल बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार अभियान के दौरान नोएडा तो पहुंचे लेकिन वह अपने विकास रथ से नोएडा की जमीं पर नहीं उतरे. इसके पीछे की वजह एक तीन दशक पुराना मिथक बताया जा रहा है, चलिए जानते हैं उसके बारे में.

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जिस अपशकुन से पिता मुलायम की गद्दी गई थी, उससे बचकर निकले अखिलेश यादव...
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Published : Feb 7, 2022, 3:23 PM IST

हैदराबादः 11 साल बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार अभियान के दौरान नोएडा तो पहुंचे लेकिन वह अपने विकास रथ से नोएडा की जमीं पर नहीं उतरे. विकास रथ से ही वह हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते रहे. इसके पीछे की वजह तीन दशक पुराना वह मिथक बताया जा रहा है जो सीएम की कुर्सी के लिए अपशकुन माना जाता है. बताया जाता है कि जब 1995 में मुलायम सिंह यादव से सीएम का ताज छिना था तब इसकी वजह यह मिथक ही था. चलिए जानते हैं इस बारे में.

इस मिथक की शुरुआत 1988 से हुई थी. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह नोएडा के दौरे पर गए थे, जैसे ही वह वहां से लौटे तो अचानक केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे इस्तीफा मांग लिया.

इसके बाद 1989 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी नोएडा के दौरे पर गए थे. जब वह भी नोएडा के दौरे से लौटे तो उनकी भी कुर्सी चली गई.

ये भी पढ़ेंः नकली समाजवादियों ने रोक दिया था विकास, योगी सरकार कर रही मेहनत - PM नरेंद्र मोदी

1995 में मुलायम सिंह यादव सूबे के सीएम थे. नोएडा से लौटने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें भी अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था. इसके बाद 1999 में कल्याण सिंह को नोएडा नहीं फला और उन्हें भी सीएम का ताज उतारना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नोएडा आने से परहेज नहीं रहा. 2007 में यूपी की सीएम बनने के बाद मायावती ने कई योजनाओं का उद्घाटन नोएडा से किया. 2012 में यह जिन्न फिर बाहर आया जब बसपा ही सत्ता से बेदखल हो गई और सूबे की कमान सपा के हाथ में चली गई.

करीब 20 बार नोएडा आ चुके हैं सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार 23 दिसंबर 2017 को नोएडा के बॉटेनिकल गार्डेन मेट्रो स्टेशन पर होने वाले मेजेंटा लाइन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने गए थे. इसके बाद दूसरी बार 25 दिसंबर 2017 को प्रधानमंत्री के साथ मेट्रो उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे. 2017 से अभी तक वह करीब 20 बार नोएडा जा चुके हैं. इस तरह नोएडा का दौरा करने में उनकी बराबरी आजादी के बाद से अभी तक कोई मुख्यमंत्री नहीं कर सका है. सीएम योगी यह मिथक तोड़ेंगे या फिर यह कायम रहेगा यह तो आने वाले वक्त ही बताएगा.

11 साल बाद अब अखिलेश यादव आए
तीन दशक पुराने इस मिथक का खौफ लगता है अखिलेश यादव को भी है. शायद यही वजह है कि वह नोएडा के इस मिथक से बचने के लिए अपने विकास रथ से नीचे नहीं उतरे. वह विकास रथ से हाथ हिलाते हुए नोएडा से निकल गए. शायद अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं कि जिस मिथक की वजह से उनके पिता मुलायम सिंह यादव की कुर्सी गई थी, उससे उनको भी नुकसान पहुंचे. इसी वजह से वह नोएडा से बचकर निकल गए.

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हैदराबादः 11 साल बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार अभियान के दौरान नोएडा तो पहुंचे लेकिन वह अपने विकास रथ से नोएडा की जमीं पर नहीं उतरे. विकास रथ से ही वह हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते रहे. इसके पीछे की वजह तीन दशक पुराना वह मिथक बताया जा रहा है जो सीएम की कुर्सी के लिए अपशकुन माना जाता है. बताया जाता है कि जब 1995 में मुलायम सिंह यादव से सीएम का ताज छिना था तब इसकी वजह यह मिथक ही था. चलिए जानते हैं इस बारे में.

इस मिथक की शुरुआत 1988 से हुई थी. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह नोएडा के दौरे पर गए थे, जैसे ही वह वहां से लौटे तो अचानक केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे इस्तीफा मांग लिया.

इसके बाद 1989 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी नोएडा के दौरे पर गए थे. जब वह भी नोएडा के दौरे से लौटे तो उनकी भी कुर्सी चली गई.

ये भी पढ़ेंः नकली समाजवादियों ने रोक दिया था विकास, योगी सरकार कर रही मेहनत - PM नरेंद्र मोदी

1995 में मुलायम सिंह यादव सूबे के सीएम थे. नोएडा से लौटने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें भी अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था. इसके बाद 1999 में कल्याण सिंह को नोएडा नहीं फला और उन्हें भी सीएम का ताज उतारना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नोएडा आने से परहेज नहीं रहा. 2007 में यूपी की सीएम बनने के बाद मायावती ने कई योजनाओं का उद्घाटन नोएडा से किया. 2012 में यह जिन्न फिर बाहर आया जब बसपा ही सत्ता से बेदखल हो गई और सूबे की कमान सपा के हाथ में चली गई.

करीब 20 बार नोएडा आ चुके हैं सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार 23 दिसंबर 2017 को नोएडा के बॉटेनिकल गार्डेन मेट्रो स्टेशन पर होने वाले मेजेंटा लाइन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने गए थे. इसके बाद दूसरी बार 25 दिसंबर 2017 को प्रधानमंत्री के साथ मेट्रो उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे. 2017 से अभी तक वह करीब 20 बार नोएडा जा चुके हैं. इस तरह नोएडा का दौरा करने में उनकी बराबरी आजादी के बाद से अभी तक कोई मुख्यमंत्री नहीं कर सका है. सीएम योगी यह मिथक तोड़ेंगे या फिर यह कायम रहेगा यह तो आने वाले वक्त ही बताएगा.

11 साल बाद अब अखिलेश यादव आए
तीन दशक पुराने इस मिथक का खौफ लगता है अखिलेश यादव को भी है. शायद यही वजह है कि वह नोएडा के इस मिथक से बचने के लिए अपने विकास रथ से नीचे नहीं उतरे. वह विकास रथ से हाथ हिलाते हुए नोएडा से निकल गए. शायद अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं कि जिस मिथक की वजह से उनके पिता मुलायम सिंह यादव की कुर्सी गई थी, उससे उनको भी नुकसान पहुंचे. इसी वजह से वह नोएडा से बचकर निकल गए.

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