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सपा नेताओं को प्रतापगढ़ जाने से रोकने पर भड़के अखिलेश, कहा- लोकतंत्र की हो रही हत्या

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Published : Sep 15, 2020, 2:35 AM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सपा नेताओं को रोके जाने पर अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है.

सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका
सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका.

लखनऊ: पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने प्रतापगढ़ जा रहे समाजवादी नेताओं को रोके जाने के मामले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदन शून्य हो गई है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार सत्ता की मदहोशी में संवैधानिक अधिकारों के दमन पर तुल गई है. मानवाधिकारों से उसे चिढ़ है. जहां एक ओर विशेष सुरक्षाबल 2020 के जरिए उत्तर प्रदेश में ठोक दो संस्कृति के तहत अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा ले, न वारंट, न बेल, न सबूत और न ही सुनवाई. जिस पर मुख्यमंत्री जी की निगाह टेढ़ी हुई, उसकी शामत आना तय है.

अखिलेश यादव ने सपा नेताओं को रोके जाने पर भी भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और उनके साथ अन्य नेताओं को रायबरेली में गिरफ्तार कर अपनी सत्ता की धमक दिखाई है. अखिलेश ने कहा कि महोली, सीतापुर में मृतक कमलेश मिश्रा के घर सांत्वना देने जा रहे विधायक और पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय को भी वहां नहीं जाने दिया गया. भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदन शून्य हो गई है. किस अधिकार से अब किसी के दुख में भी वह किसी को शरीक नहीं होने देगी?

उन्होंने कहा कि समाजवादी नेताओं का प्रतापगढ़ जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल बहुखंडी विधायक निवास में रहते हैं. उनके आवास के बाहर और गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. जब वे बाहर निकलने को हुए तो पुलिस दल ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तभी एमएलसी श्री सुनील यादव साजन भी वहां पहुंच गए.

पुलिस ने जब फिर रोकने की कोशिश की तो अपनी गाड़ियां छोड़कर समाजवादी नेताओं ने पैदल ही राजभवन, मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का एलान कर दिया. कार्यकर्ताओं के साथ वह 1090 चौराहे तक पहुंच भी गए. तब तीखे विवाद के बाद पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया, लेकिन बछरावां टोल पर फिर उन्हें रोकने की कोशिश की गई. पुलिस के रोकने के बावजूद वहां से आगे बढ़ गए तो रायबरेली पहुंचने पर पुलिस ने फिर जबरदस्त घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया. अखिलेश यादव ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है.

इसे भी पढ़ें- आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम होगा छत्रपति शिवाजी

लखनऊ: पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने प्रतापगढ़ जा रहे समाजवादी नेताओं को रोके जाने के मामले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदन शून्य हो गई है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार सत्ता की मदहोशी में संवैधानिक अधिकारों के दमन पर तुल गई है. मानवाधिकारों से उसे चिढ़ है. जहां एक ओर विशेष सुरक्षाबल 2020 के जरिए उत्तर प्रदेश में ठोक दो संस्कृति के तहत अब जिसे चाहे, जहां चाहे उठा ले, न वारंट, न बेल, न सबूत और न ही सुनवाई. जिस पर मुख्यमंत्री जी की निगाह टेढ़ी हुई, उसकी शामत आना तय है.

अखिलेश यादव ने सपा नेताओं को रोके जाने पर भी भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और उनके साथ अन्य नेताओं को रायबरेली में गिरफ्तार कर अपनी सत्ता की धमक दिखाई है. अखिलेश ने कहा कि महोली, सीतापुर में मृतक कमलेश मिश्रा के घर सांत्वना देने जा रहे विधायक और पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय को भी वहां नहीं जाने दिया गया. भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदन शून्य हो गई है. किस अधिकार से अब किसी के दुख में भी वह किसी को शरीक नहीं होने देगी?

उन्होंने कहा कि समाजवादी नेताओं का प्रतापगढ़ जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल बहुखंडी विधायक निवास में रहते हैं. उनके आवास के बाहर और गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. जब वे बाहर निकलने को हुए तो पुलिस दल ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तभी एमएलसी श्री सुनील यादव साजन भी वहां पहुंच गए.

पुलिस ने जब फिर रोकने की कोशिश की तो अपनी गाड़ियां छोड़कर समाजवादी नेताओं ने पैदल ही राजभवन, मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का एलान कर दिया. कार्यकर्ताओं के साथ वह 1090 चौराहे तक पहुंच भी गए. तब तीखे विवाद के बाद पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया, लेकिन बछरावां टोल पर फिर उन्हें रोकने की कोशिश की गई. पुलिस के रोकने के बावजूद वहां से आगे बढ़ गए तो रायबरेली पहुंचने पर पुलिस ने फिर जबरदस्त घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया. अखिलेश यादव ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है.

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