लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और प्रवक्ताओं पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ‘झूठ के पैर नहीं होते है‘ ये सब जानते हैं, लेकिन इस पर भाजपा को यकीन नहीं. भाजपा सरकार और प्रवक्ता झूठ पर झूठ बोलते रहते हैं. उनके झूठे दावों का सच सामने आने में देर नहीं लगती है. अखिलेश ने कहा कि कोरोना संकट के दौर में स्थानीय बेरोजगारों और बाहर से आने वाले श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के भाजपा के दावे भी धोखे साबित हो रहे हैं.
सपा मुखिया ने कहा कि सेंटर फार मानिटरिंग इण्डियन एकोनाॅमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट बताती है कि तीन मई तक बेरोजगारी दर बढ़कर 27.1 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि मार्च 2020 में यह आंकड़ा 8.74 प्रतिशत था. देश में 24.95 फीसदी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है, फिर रोजगार किसे और कहां मिल रहा है. क्या भाजपा ने भ्रमित करने का ठेका ले रखा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के श्रमिकों ने ही बताया कि भिवंडी से गोरखपुर आने के लिए उनसे 745 रुपये ट्रेन किराया वसूला गया. वहीं भाजपा सरकार यूपी के श्रमिकों को बाहर से मुफ्त वापस लाने का दावा करते नहीं थकती. श्रमिकों के साथ यह धोखा शर्मनाक है.
श्रमिकों ने दिखाईं टिकटें
प्रदेश के अन्य जनपदों के श्रमिक भी अपनी टिकटें दिखा रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि अगर ये रेल टिकट नहीं है तो क्या बंधक श्रमिकों को छोड़ने पर ली गई फिरौती की सरकारी रसीद है. देशभर के मजदूरों को लग रहा है कि अब वे भाजपा सरकार के बंधक बन गए हैं.
अखिलेश यादव ने सीएम योगी को घेरते हुए कहा कि श्रमिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. भाजपा सरकार में मजदूर बेबस और मजबूर हैं. उन्हें फ्री ट्रेन सेवा के नाम पर लूटा गया है. उन असहाय गरीबों को बेदर्दी से सड़क पर सैनिटाइज करना संवेदन शून्यता की पराकाष्ठा है. किसी की आंख जली तो किसी का शरीर गीले कपड़ों के साथ सफर करने को मजबूर. डरी हुई सरकार जनता को सताने में अपनी बहादुरी समझती है. उन्होंने कहा कि भाजपा का ‘‘झांसा कारोबार‘‘ को ठप्प करने की ताकत लोकतंत्र में जनता के पास सुरक्षित है, बस समय का इंतजार है.