लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम समुदाय लगातार प्रदर्शन कर रहा है. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और इलाकों में आगजनी से लेकर पत्थरबाजी तक कर रहे हैं. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई है.
राजधानी दिल्ली, उत्तर भारत समेत बिहार, मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में आंदोलन बढ़ता जा रहा है. वहीं इस प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने कई जिलों में धारा 144 लगा दी है. इस तरह से हो रहे हिंसक प्रदर्शन और झड़प को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. इन दोनों ही नेताओं ने अपने ट्विटर हैंडल पर विरोध व्यक्त किया है.
-
1. नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">1. नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 20191. नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 2019
-
2. ऐसे में उ.प्र. व केन्द्र सरकार को चाहिये कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराये और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिये तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">2. ऐसे में उ.प्र. व केन्द्र सरकार को चाहिये कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराये और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिये तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 20192. ऐसे में उ.प्र. व केन्द्र सरकार को चाहिये कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराये और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिये तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 2019
-
3. वरना यह आग पूरे देश में व खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। साथ ही, सभी साम्प्रदायों से यह भी अपील है वे शान्ति-व्यवस्था को बनाये रखें।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">3. वरना यह आग पूरे देश में व खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। साथ ही, सभी साम्प्रदायों से यह भी अपील है वे शान्ति-व्यवस्था को बनाये रखें।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 20193. वरना यह आग पूरे देश में व खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। साथ ही, सभी साम्प्रदायों से यह भी अपील है वे शान्ति-व्यवस्था को बनाये रखें।
— Mayawati (@Mayawati) December 16, 2019
-
जिस प्रकार जामिया मिलिया के छात्र-छात्राओं से बर्बरतापूर्ण हिंसा हुई है और विद्यार्थी अभी भी फँसे हुए हैं, ये बेहद निंदनीय है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
पूरे देश को हिंसा में फूँक देना ही क्या आज के सत्ताधारियों का असली ‘गुजरात मॉडल’ है.
">जिस प्रकार जामिया मिलिया के छात्र-छात्राओं से बर्बरतापूर्ण हिंसा हुई है और विद्यार्थी अभी भी फँसे हुए हैं, ये बेहद निंदनीय है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 15, 2019
पूरे देश को हिंसा में फूँक देना ही क्या आज के सत्ताधारियों का असली ‘गुजरात मॉडल’ है.जिस प्रकार जामिया मिलिया के छात्र-छात्राओं से बर्बरतापूर्ण हिंसा हुई है और विद्यार्थी अभी भी फँसे हुए हैं, ये बेहद निंदनीय है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 15, 2019
पूरे देश को हिंसा में फूँक देना ही क्या आज के सत्ताधारियों का असली ‘गुजरात मॉडल’ है.