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अब अखिलेश यादव को आई जिलाध्यक्षों की याद, सदस्यता अभियान से जोड़ने का फैसला - समाजवादी पार्टी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया

समाजवादी पार्टी सदस्यता अभियान को रफ्तार देने के लिए अब समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हटाए गए जिलाध्यक्षों की याद आने लगी है. इस रिपोर्ट में पढ़िए क्या है अखिलेश की योजना....

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अखिलेश यादव.
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Published : Aug 21, 2022, 4:41 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से चलाए जा रहे सदस्यता अभियान (Samajwadi Party Membership Campaign) को लेकर नई रणनीति बनाई गई है. समाजवादी पार्टी ने सभी जिला अध्यक्षों की कमेटियों को भंग कर प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारियों को भी हटा दिया गया था. वहीं, अब समाजवादी पार्टी के चल रहे सदस्यता अभियान में हटाए गए जिला अध्यक्षों को जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया है. जिससे सदस्यता अभियान को रफ्तार दिया जा सके.समाजवादी पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभियान तेजी के साथ नहीं चल पा रहा है, इसको लेकर अब समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) ने अपनी रणनीति बदलते हुए पार्टी संगठन के जिला अध्यक्षों को भी इस काम में सहयोग लेने का फैसला किया है.

अभियान फ्लॉप होता देख अखिलेश ने बदली रणनीतिः दरअसल, अखिलेश यादव 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं. इसको लेकर पहले समाजवादी पार्टी के सभी संगठन बंद करते हुए पार्टी नेताओं को पद से हटाने का काम किया था. इसके बाद अब सदस्यता अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान को गति देने और सभी वर्ग के लोगों को पार्टी से जुड़ने के लिए अखिलेश यादव ने सपा के वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी भी गठित की है. लेकिन जिला स्तर पर पार्टी के हटाए गए जिलाध्यक्षों द्वारा इस अभियान में रुचि नहीं लेने की जानकारी लगातार अखिलेश यादव को मिल रही थी.ऐसे में अभियान पूरी तरह से फ्लॉप होता हुआ नजर आया. इस पर अखिलेश ने हटाए गए सभी जिलाध्यक्ष के साथ-साथ अन्य प्रमुख संगठन के प्रमुख लोगों को इस अभियान से जोड़ने का फैसला किया है. जिससे इस अभियान को सफल करने के साथ ही तेज किया जा सके.

अभियान के संगठन का पुनर्गठन की संभावनाः सपा के सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव की कोशिश है कि सदस्यता अभियान के माध्यम से संगठन को पूरी तरह से मजबूत किया जाए. अभियान के बाद पार्टी के संगठन का पुनर्गठन करना है. जिसमें वरिष्ठ अनुभवी कार्यकर्ताओं के साथ ही सामाजिक समीकरणों को साधने वाले पार्टी नेताओं को भी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी. युवा नेतृत्व को भी उभारने की पूरी रणनीति समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बनाई. जिससे लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को पूरी तरह से दुरुस्त किया जा सके और इसका लाभ चुनाव में हो सके.

इसे भी पढ़ें-अखिलेश यादव बोले, भाजपा राज में जनता के पैसों की बर्बादी और भ्रष्टाचार को खुली छूट

सदस्यता अभियान तेजी से चल रहाः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने बताया कि 'सदस्यता अभियान तेजी के साथ चल रहा है. समाज के सभी वर्गों के लोगों को जोड़ने का काम सभी जिलों, मंडल और गांव स्तर पर हो रहा है. समाजवादी पार्टी के सभी लोग इस अभियान को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. जहां और लोगों को जोड़ने की जरूरत है उन्हें भी जिम्मेदारी दी जा रही है. जिससे सदस्यता अभियान के माध्यम से समाज के सभी वर्ग के लोगों को समाजवादी पार्टी से जोड़ा जा सके.'

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से चलाए जा रहे सदस्यता अभियान (Samajwadi Party Membership Campaign) को लेकर नई रणनीति बनाई गई है. समाजवादी पार्टी ने सभी जिला अध्यक्षों की कमेटियों को भंग कर प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारियों को भी हटा दिया गया था. वहीं, अब समाजवादी पार्टी के चल रहे सदस्यता अभियान में हटाए गए जिला अध्यक्षों को जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया है. जिससे सदस्यता अभियान को रफ्तार दिया जा सके.समाजवादी पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभियान तेजी के साथ नहीं चल पा रहा है, इसको लेकर अब समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) ने अपनी रणनीति बदलते हुए पार्टी संगठन के जिला अध्यक्षों को भी इस काम में सहयोग लेने का फैसला किया है.

अभियान फ्लॉप होता देख अखिलेश ने बदली रणनीतिः दरअसल, अखिलेश यादव 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं. इसको लेकर पहले समाजवादी पार्टी के सभी संगठन बंद करते हुए पार्टी नेताओं को पद से हटाने का काम किया था. इसके बाद अब सदस्यता अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान को गति देने और सभी वर्ग के लोगों को पार्टी से जुड़ने के लिए अखिलेश यादव ने सपा के वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी भी गठित की है. लेकिन जिला स्तर पर पार्टी के हटाए गए जिलाध्यक्षों द्वारा इस अभियान में रुचि नहीं लेने की जानकारी लगातार अखिलेश यादव को मिल रही थी.ऐसे में अभियान पूरी तरह से फ्लॉप होता हुआ नजर आया. इस पर अखिलेश ने हटाए गए सभी जिलाध्यक्ष के साथ-साथ अन्य प्रमुख संगठन के प्रमुख लोगों को इस अभियान से जोड़ने का फैसला किया है. जिससे इस अभियान को सफल करने के साथ ही तेज किया जा सके.

अभियान के संगठन का पुनर्गठन की संभावनाः सपा के सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव की कोशिश है कि सदस्यता अभियान के माध्यम से संगठन को पूरी तरह से मजबूत किया जाए. अभियान के बाद पार्टी के संगठन का पुनर्गठन करना है. जिसमें वरिष्ठ अनुभवी कार्यकर्ताओं के साथ ही सामाजिक समीकरणों को साधने वाले पार्टी नेताओं को भी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी. युवा नेतृत्व को भी उभारने की पूरी रणनीति समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बनाई. जिससे लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को पूरी तरह से दुरुस्त किया जा सके और इसका लाभ चुनाव में हो सके.

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सदस्यता अभियान तेजी से चल रहाः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने बताया कि 'सदस्यता अभियान तेजी के साथ चल रहा है. समाज के सभी वर्गों के लोगों को जोड़ने का काम सभी जिलों, मंडल और गांव स्तर पर हो रहा है. समाजवादी पार्टी के सभी लोग इस अभियान को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. जहां और लोगों को जोड़ने की जरूरत है उन्हें भी जिम्मेदारी दी जा रही है. जिससे सदस्यता अभियान के माध्यम से समाज के सभी वर्ग के लोगों को समाजवादी पार्टी से जोड़ा जा सके.'

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