लखनऊः जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी के आरोप में जेल में बंद डेमोक्रेटिक स्टूडेंट् यूनियन से जुड़े उमर खालिद के पिता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं. बता दें कि डॉ. सैय्यद कासिम रसूल वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में सियासी गठबंधन को लेकर यह मुलाकात अहम मानी जा रही है.
बता दें कि उमर खालिद के पिता स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के भी सदस्य रहे हैं. इस संगठन पर 2001 में भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. डॉ. इलियास राम जन्मभूमि मंदिर के खिलाफ केस भी लड़ चुके हैं. वहीं, दिल्ली हिंसा को लेकर उनका बेटा उमर खालिद पिछले एक साल से जेल में बंद हैं. इससे पहले वह जेएनयू में कथित 'राष्ट्रविरोधी नारों' के मामलों में कन्हैया कुमार के साथ चर्चा में आया था.
राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने बोला जुबानी हमला
उधर, इस मुलाकात को लेकर राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा कि सपा ने तो हद ही कर दी है. अभी तक सपा कहती थी कि जो लोग आतंकी मुकदमों में जेलों में बंद है. सत्ता में आने के बाद उन पर मुकदमे हटा लेंगे लेकिन अब उन्होंने देश में प्रतिबंधित संगठन सिमी के अध्यक्ष रह चुके डॉक्टर डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास को पार्टी दफ्तर में बुलाकर महिमामंडित किया है.
मोहसिन रजा ने कहा कि अब यह मान लेना चाहिए कि अपराधी के अलावा अब अगर सपा को सरकार बनानी है तो वह आतंकियों को भी साथ लेने पर तैयार है. मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि ऐसे लोगों को देश और प्रदेश में कौन सत्ता देगा. ऐसे लोगों से देश को भी बचाना है और ऐसी विचारधारा से भी बचाना है. देश में विकास नहीं होगा, ऐसे तो आतंक फैल जाएगा. मोहसिन रज़ा ने सपा मुखिया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिसकी आतंकी विचारधारा हो उनको साथ लेकर क्या सपा सरकार बनाना चाहती है ?
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इन्होंने ग्रहण की सपा की सदस्यता
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व सांसद वीर सिंह एडवोकेट (मुरादाबाद) और फिरोजाबाद से पूर्व विधायक अज़ीम भाई समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गए. जौनपुर के समाजसेवी विनोद मिश्रा ने भाजपा छोड़कर सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.