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HC में राज्य सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता तृतीय के पद से अखिलेश अवस्थी ने दिया इस्तीफा, वकीलों के लिए कही यह बात

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 1:17 PM IST

Updated : Sep 14, 2023, 9:26 PM IST

13:11 September 14

लखनऊ : हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज की घटना को लेकर राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न किए जाने को लेकर भाजपा के चुनाव संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक व यूपी बार काउंसिल के सदस्य अखिलेश कुमार अवस्थी ने सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता, तृतीय के पद से त्याग पत्र दे दिया है. महाधिवक्ता व प्रमुख सचिव, न्याय को भेजे अपने त्याग पत्र में उन्होंने कहा है कि हापुड़ की घटना को लेकर बार काउंसिल के सदस्य सचिव ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय का समय मांगा, लेकिन समय नहीं मिल सका और उच्चाधिकारियों से वार्तालाप का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला. लिहाजा वह हापुड़ के पीड़ित अधिवक्ताओं को न्याय दिला पाने में असफल रहे.


उल्लेखनीय है कि हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के बाद 30 अगस्त से ही प्रदेशभर के अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत हैं. जिसकी वजह से पिछले 16 दिनों से हाईकोर्ट समेत प्रदेश की सभी अदालतों में न्यायिक कामकाज ठप पड़ा है. इस बीच न्यायिक कामकाज के बहिष्कार के निर्णय को शुक्रवार को भी बढ़ा दिया गया है.


29 अगस्त को हापुड़ में पुलिस ने अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज किया था. उसके बाद से तीन लाख सदस्यों वाली यूपी बार काउंसिल ने वहां के डीएम और एसपी को तत्काल हटाने और पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग रखी. मांगें न माने जाने पर पूरे प्रदेश मे 30 अगस्त से ही न्यायिक कामकाज ठप कर दिया गया. बार काउसिंल के आह्वान पर गुरुवार को पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं द्वारा सरकार के पुतले जलाए गए और धरना प्रदर्शन किया गया.

यह था मामला : यूपी के हापुड़ जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र के तहसील चौराहे पर बीती 29 अगस्त को महिला अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमे को लेकर प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था. दरअसल, सदर कोतवाली क्षेत्र के दिल्ली रोड पर बाइक सवार एक पुलिसकर्मी के साथ एक महिला अधिवक्ता समेत 2 कार सवारों के बीच नोकझोंक हुई थी. इस नोकझोंक का वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महिला अधिवक्ता समेत 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. महिला अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद हापुड़ बार अधिवक्ताओं और गाजियाबाद बार अधिवक्ताओं ने जिला तहसील चौराहे पर धरना प्रदर्शन कर जाम लगा दिया था. साथ ही कोतवाली पुलिस का घेराव कर आंदोलन करने लगे थे. जहां पुलिसकर्मियों की अधिवक्ताओं से नोकझोंक हो गई थी. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से मारना पीटना शुरू कर दिया था. जहां कई अधिवक्ता नाले में गिर गए थे, इसके बावजूद पुलिसकर्मी अधिवक्ताओं को पीट रहे थे. पुलिस की लाठीचार्ज में 3 अधिवक्ता गंभीर रूप से लहूलुहान हो गए थे.

यह भी पढ़ें : सड़क जाम कर रहे अधिवक्ताओं पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज, दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, 6 घायल

यह भी पढ़ें : Watch Video: हापुड़ घटना का विरोध कर रहे वकीलों ने हाईकोर्ट के बाहर पुलिसकर्मी को पीटा, फूंका पुतला

यह भी पढ़ें : हापुड़ में वकीलों के साथ हुई हिंसा मामले में सीएम ने SIT गठित की, टीम एक सप्ताह में सौंपेगी रिपोर्ट

13:11 September 14

लखनऊ : हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज की घटना को लेकर राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न किए जाने को लेकर भाजपा के चुनाव संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक व यूपी बार काउंसिल के सदस्य अखिलेश कुमार अवस्थी ने सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता, तृतीय के पद से त्याग पत्र दे दिया है. महाधिवक्ता व प्रमुख सचिव, न्याय को भेजे अपने त्याग पत्र में उन्होंने कहा है कि हापुड़ की घटना को लेकर बार काउंसिल के सदस्य सचिव ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय का समय मांगा, लेकिन समय नहीं मिल सका और उच्चाधिकारियों से वार्तालाप का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला. लिहाजा वह हापुड़ के पीड़ित अधिवक्ताओं को न्याय दिला पाने में असफल रहे.


उल्लेखनीय है कि हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के बाद 30 अगस्त से ही प्रदेशभर के अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत हैं. जिसकी वजह से पिछले 16 दिनों से हाईकोर्ट समेत प्रदेश की सभी अदालतों में न्यायिक कामकाज ठप पड़ा है. इस बीच न्यायिक कामकाज के बहिष्कार के निर्णय को शुक्रवार को भी बढ़ा दिया गया है.


29 अगस्त को हापुड़ में पुलिस ने अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज किया था. उसके बाद से तीन लाख सदस्यों वाली यूपी बार काउंसिल ने वहां के डीएम और एसपी को तत्काल हटाने और पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग रखी. मांगें न माने जाने पर पूरे प्रदेश मे 30 अगस्त से ही न्यायिक कामकाज ठप कर दिया गया. बार काउसिंल के आह्वान पर गुरुवार को पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं द्वारा सरकार के पुतले जलाए गए और धरना प्रदर्शन किया गया.

यह था मामला : यूपी के हापुड़ जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र के तहसील चौराहे पर बीती 29 अगस्त को महिला अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमे को लेकर प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था. दरअसल, सदर कोतवाली क्षेत्र के दिल्ली रोड पर बाइक सवार एक पुलिसकर्मी के साथ एक महिला अधिवक्ता समेत 2 कार सवारों के बीच नोकझोंक हुई थी. इस नोकझोंक का वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महिला अधिवक्ता समेत 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. महिला अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद हापुड़ बार अधिवक्ताओं और गाजियाबाद बार अधिवक्ताओं ने जिला तहसील चौराहे पर धरना प्रदर्शन कर जाम लगा दिया था. साथ ही कोतवाली पुलिस का घेराव कर आंदोलन करने लगे थे. जहां पुलिसकर्मियों की अधिवक्ताओं से नोकझोंक हो गई थी. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से मारना पीटना शुरू कर दिया था. जहां कई अधिवक्ता नाले में गिर गए थे, इसके बावजूद पुलिसकर्मी अधिवक्ताओं को पीट रहे थे. पुलिस की लाठीचार्ज में 3 अधिवक्ता गंभीर रूप से लहूलुहान हो गए थे.

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Last Updated : Sep 14, 2023, 9:26 PM IST
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