लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक एके त्रिपाठी को बुधवार की देर शाम पद से हटा दिया गया है. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा यह बड़ी कार्रवाई की गई है. प्रोफेसर त्रिपाठी पर टेंडर नियुक्ति से लेकर प्रशासनिक अनियमितताओं तक तमाम गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
आरएमएल इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर एके त्रिपाठी को देर शाम निदेशक पद से हटा दिया गया है. यह बड़ी कार्रवाई कई प्रशासनिक आरोपों और अव्यवस्थाओं को देखने के बाद शासन के निर्णय द्वारा की गई है. त्रिपाठी पर टेंडर नियुक्ति, प्रशासनिक फेलियर तमाम कई आरोप लगे थे. इसके अलावा उनके शासनकाल में भी संस्थान में कई गड़बड़ियां देखने को मिली थीं.
प्रोफेसर नुजहत हुसैन को संस्थान की कमान
इसके बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है. डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में निदेशक के तौर पर अब पैथोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष और पूर्व कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर नुजहत हुसैन को संस्थान की कमान दी गई है.
KGMU के 'समूह ग भर्ती कांड' में भी आरोप लगे थे
गौरतलब है कि प्रोफेसर एके त्रिपाठी पर 2004 में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के 'समूह ग भर्ती कांड' में भी आरोप लगे थे और प्रोफेसर त्रिपाठी का नाम सामने आया था. हालांकि ऊंची पहुंच के दम पर प्रोफेसर त्रिपाठी उन आरोपों से मुक्त हो गए और डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के निदेशक के पद पर आसीन हो गए. लोहिया संस्थान के निदेशक पद पर रहते हुए उन्होंने कार्यवाहक निदेशक के तौर पर राजधानी के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज संस्थान में भी अपनी भूमिका निभाई.
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