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मौलिक अधिकार है आरक्षण, लोक सेवा आयोग बदले अपने नियम: अजय कुमार लल्लू - यूपी समाचार

यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान जारी किया है. इसमें कहा कि संविधान विरोधी प्रावधान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. उन्होंने बयान में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस समेत अन्य परीक्षाओं की भर्ती में आरक्षण के प्रावधान में बदलाव किए जाने की आलोचना की.

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Published : Feb 10, 2020, 5:50 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरक्षण को मौलिक अधिकार करार दिया है. उन्होंने कहा कि संविधान विरोधी प्रावधान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मेरिट अधिक होने पर भी सामान्य श्रेणी में शामिल न किए जाने के फैसले का खुला विरोध किया है.

जानकारी देते संवाददाता.

अजय कुमार लल्लू ने जारी किया बयान
अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को एक बयान जारी किया. उन्होंने बयान में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस समेत अन्य परीक्षाओं की भर्ती में आरक्षण के प्रावधान में बदलाव किए जाने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के लाखों की संख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थी प्रभावित होंगे. ऐसे किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह संविधान प्रदत्त आरक्षण के मौलिक अधिकार के विरुद्ध है.

इंदिरा साहनी जजमेंट
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने कहा कि 1992 में इंदिरा साहनी जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आज आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी से ज्यादा अंक प्राप्त करते हैं. उनका अंतिम चयन आरक्षित वर्ग में कर दिया जाएगा. इंद्रा साहनी फैसले के आधार पर 17 सितंबर 2019 को जस्टिस नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की पीठ ने यह निर्णय दिया था कि हर प्रतिभागी सामान्य वर्ग का होता है. वह कैंडिडेट चाहे पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति का भी क्यों ना हो. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध है. कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही है.

लखनऊ: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरक्षण को मौलिक अधिकार करार दिया है. उन्होंने कहा कि संविधान विरोधी प्रावधान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मेरिट अधिक होने पर भी सामान्य श्रेणी में शामिल न किए जाने के फैसले का खुला विरोध किया है.

जानकारी देते संवाददाता.

अजय कुमार लल्लू ने जारी किया बयान
अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को एक बयान जारी किया. उन्होंने बयान में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस समेत अन्य परीक्षाओं की भर्ती में आरक्षण के प्रावधान में बदलाव किए जाने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के लाखों की संख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थी प्रभावित होंगे. ऐसे किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह संविधान प्रदत्त आरक्षण के मौलिक अधिकार के विरुद्ध है.

इंदिरा साहनी जजमेंट
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने कहा कि 1992 में इंदिरा साहनी जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आज आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी से ज्यादा अंक प्राप्त करते हैं. उनका अंतिम चयन आरक्षित वर्ग में कर दिया जाएगा. इंद्रा साहनी फैसले के आधार पर 17 सितंबर 2019 को जस्टिस नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की पीठ ने यह निर्णय दिया था कि हर प्रतिभागी सामान्य वर्ग का होता है. वह कैंडिडेट चाहे पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति का भी क्यों ना हो. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध है. कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही है.

Intro:लखनऊ। कांग्रेस प्रदेश ने आरक्षण को मौलिक अधिकार करार दिया है और कहा कि संविधान विरोधी प्रावधान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मेरिट अधिक होने पर भी सामान्य श्रेणी में शामिल न किए जाने के फैसले का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने खुला विरोध किया है।


Body:कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को एक बयान जारी कर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस समेत अन्य परीक्षाओं की भर्ती में आरक्षण के प्रावधान में बदलाव किए जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि इससे प्रदेश के लाखों की संख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थी प्रभावित होंगे ऐसे किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा क्योंकि यह संविधान प्रदत्त आरक्षण के मौलिक अधिकार के विरुद्ध है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने कहा कि 1992 में इंदिरा साहनी जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आज आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी से ज्यादा अंक प्राप्त करते हैं तो उनका अंतिम चयन आरक्षित वर्ग में कर दिया जाएगा . इंद्रा साहनी फैसले के आधार पर 17 सितंबर 2019 को जस्टिस नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की पीठ ने यह निर्णय दिया था कि हर प्रतिभागी सामान्य वर्ग का होता है चाहे वह कैंडिडेट पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति का भी क्यों ना हो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध है कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही है।

बाइट/ बृजेंद्र सिंह प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस

पीटीसी/ अखिलेश तिवारी


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