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प्रदेश के कई जिलों में फिर खराब हुई आबोहवा - वायु प्रदूषण

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. रविवार को प्रदेश के कई शहरों का एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया और चिंताजनक है.

वायु प्रदूषण
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Published : Feb 1, 2021, 4:37 AM IST

लखनऊ: यूपी के कई जिलों की हवा में प्रदूषण का कहर लगातार जारी है. बीते दिनों इससे कुछ राहत मिली थी, लेकिन रविवार को कई जिलों की आबोहवा फिर खतरनाक हो गई. कई जिलों का एक्यूआई 300 के ऊपर दर्ज किया गया है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार रविवार को आगरा का एक्यूआई 279, बुलंदशहर 349, फरीदाबाद 217, गाजियाबाद 402, ग्रेटर नोएडा 346, कानपुर 309, लखनऊ 329, मेरठ 336, मुरादाबाद 426, मुजफ्फरपुर 300, नोएडा 331 और वाराणसी का 245 दर्ज किया गया.

पर्यावरणविद बताते हैं कि अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है. इस समय प्रदेश के कई जिलों में हवा खराब है.

पर्यावरणविद बताते हैं कि लखनऊ में पिछले दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया था. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वो महीन कण हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

लखनऊ: यूपी के कई जिलों की हवा में प्रदूषण का कहर लगातार जारी है. बीते दिनों इससे कुछ राहत मिली थी, लेकिन रविवार को कई जिलों की आबोहवा फिर खतरनाक हो गई. कई जिलों का एक्यूआई 300 के ऊपर दर्ज किया गया है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार रविवार को आगरा का एक्यूआई 279, बुलंदशहर 349, फरीदाबाद 217, गाजियाबाद 402, ग्रेटर नोएडा 346, कानपुर 309, लखनऊ 329, मेरठ 336, मुरादाबाद 426, मुजफ्फरपुर 300, नोएडा 331 और वाराणसी का 245 दर्ज किया गया.

पर्यावरणविद बताते हैं कि अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है. इस समय प्रदेश के कई जिलों में हवा खराब है.

पर्यावरणविद बताते हैं कि लखनऊ में पिछले दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया था. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वो महीन कण हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

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