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यूपी में सुबह-शाम बढ़ जाता है प्रदूषण स्तर, दोपहर कम हो जाता है एक्यूआई...

इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का एक्यूआई 250 अंक के पार हो रहा है. साथ ही लखनऊ के इंडस्ट्रियल क्षेत्रों का एक्यूआई 300 अंक पार पहुंच रहा है. अबोहवा प्रदूषित होने के चलते प्रदूषण जनित बीमारियां लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2023, 4:23 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के कई जिलों का प्रदूषण स्तर इस समय काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है ठंडक के साथ दिन-ब-दिन सर्दी बढ़ रही है. इसके अलावा सुबह शाम इन दोनों धुंध के साथ फॉग भी हो रहा है. जिसके चलते प्रदूषण का स्तर लगातर बढ़ता ही जा रहा है. इस समय तमाम जिलों का प्रदूषण स्तर दोपहर के समय कम हो जाता है. लेकिन सुबह-शाम और रात को एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच रहा है. सबसे अधिक प्रदूषित हवा मेरठ, गाजियाबाद ग्रेटर नोएडा, नोएडा व प्रयागराज के लोगों को झेलना पड़ रहा है.

यूपी में प्रदूषण स्तर.
यूपी में प्रदूषण स्तर.


300 अंक पर हुआ इंडस्ट्रियल क्षेत्र का प्रदूषण स्तर : राजधानी लखनऊ के इंडस्ट्रियल क्षेत्र का प्रदूषण स्तर के मामले में हमेशा हाल खराब रहता है. यहां पर हमेशा प्रदूषण स्तर बढ़ा रहता है. रिपोर्ट के मुताबिक ताल कटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 287, केन्द्रीय विद्यालय लखनऊ का एक्यूआई 272, लालबाग का एक्यूआई 349, गोमतीनगर का एक्यूआई 294, अंबेडकर नगर विवि का एक्यूआई 249 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 227 हैं. हालांकि यह प्रदूषण स्तर बुधवार को दोपहर दो बजे की रिपोर्ट के मुताबिक है. जबकि, सुबह, शाम और रात इंडस्ट्रियल क्षेत्र का एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच जाता है.

प्रदूषण स्तर का मानक.
प्रदूषण स्तर का मानक.


उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए कार्य कर रहा है. इसी के तहत इंडस्ट्रियल क्षेत्र में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए लगातार एंटी फॉगिंग का छिड़काव किया जा रहा है. ताकि, प्रदूषण स्तर को काम किया जा सके और उसे क्षेत्र में रह रहे लोगों को अस्थमा और आंख में समस्या जैसी बीमारी न उत्पन्न हो. उन्होंने बताया कि हजारों वाहन शहर में दौड़ रहे हैं. वातावरण प्रदूषित हो रहा है. लेकिन साथ में मानव द्वारा किए जा रहे कृत्यों के जरिए भी प्रदूषण स्तर काफी बढ़ रहा है. प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए आम जनमानस को भी आगे आना होगा और अपनी जिम्मेदारियां को समझना होगा. जिन क्षेत्रों का प्रदूषण स्तर 300 अंक पार हो चुका है, वहां की आबोहवा प्रदूषित है. ऐसी स्थिति में वहां पर बेवजह घूमने टहलने न जाएं.

यह भी पढ़ें : SC on Air Pollution: पांच राज्यों को प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उठाए कदम पर हलफनामा दायर करने SC का निर्देश

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लखनऊ : प्रदेश के कई जिलों का प्रदूषण स्तर इस समय काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है ठंडक के साथ दिन-ब-दिन सर्दी बढ़ रही है. इसके अलावा सुबह शाम इन दोनों धुंध के साथ फॉग भी हो रहा है. जिसके चलते प्रदूषण का स्तर लगातर बढ़ता ही जा रहा है. इस समय तमाम जिलों का प्रदूषण स्तर दोपहर के समय कम हो जाता है. लेकिन सुबह-शाम और रात को एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच रहा है. सबसे अधिक प्रदूषित हवा मेरठ, गाजियाबाद ग्रेटर नोएडा, नोएडा व प्रयागराज के लोगों को झेलना पड़ रहा है.

यूपी में प्रदूषण स्तर.
यूपी में प्रदूषण स्तर.


300 अंक पर हुआ इंडस्ट्रियल क्षेत्र का प्रदूषण स्तर : राजधानी लखनऊ के इंडस्ट्रियल क्षेत्र का प्रदूषण स्तर के मामले में हमेशा हाल खराब रहता है. यहां पर हमेशा प्रदूषण स्तर बढ़ा रहता है. रिपोर्ट के मुताबिक ताल कटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 287, केन्द्रीय विद्यालय लखनऊ का एक्यूआई 272, लालबाग का एक्यूआई 349, गोमतीनगर का एक्यूआई 294, अंबेडकर नगर विवि का एक्यूआई 249 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 227 हैं. हालांकि यह प्रदूषण स्तर बुधवार को दोपहर दो बजे की रिपोर्ट के मुताबिक है. जबकि, सुबह, शाम और रात इंडस्ट्रियल क्षेत्र का एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच जाता है.

प्रदूषण स्तर का मानक.
प्रदूषण स्तर का मानक.


उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए कार्य कर रहा है. इसी के तहत इंडस्ट्रियल क्षेत्र में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए लगातार एंटी फॉगिंग का छिड़काव किया जा रहा है. ताकि, प्रदूषण स्तर को काम किया जा सके और उसे क्षेत्र में रह रहे लोगों को अस्थमा और आंख में समस्या जैसी बीमारी न उत्पन्न हो. उन्होंने बताया कि हजारों वाहन शहर में दौड़ रहे हैं. वातावरण प्रदूषित हो रहा है. लेकिन साथ में मानव द्वारा किए जा रहे कृत्यों के जरिए भी प्रदूषण स्तर काफी बढ़ रहा है. प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए आम जनमानस को भी आगे आना होगा और अपनी जिम्मेदारियां को समझना होगा. जिन क्षेत्रों का प्रदूषण स्तर 300 अंक पार हो चुका है, वहां की आबोहवा प्रदूषित है. ऐसी स्थिति में वहां पर बेवजह घूमने टहलने न जाएं.

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