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राजधानी लखनऊ की हवा में फिर घुला जहर - एक्यूआई का मानक

राजधानी लखनऊ की हवा में फिर जहर घुल गया है. बीते 24 घंटे में राजधानी की आबोहवा फिर खराब हो गई है. गुरुवार को लखनऊ के एयर क्वालिटी इंडेक्स में काफी गिरावट आई थी. वहीं शनिवार और रविवार को प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है.

हवा में फिर घुला जहर
हवा में फिर घुला जहर
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Published : Dec 20, 2020, 3:43 PM IST

लखनऊः शहर के साथ-साथ यूपी के कई जिलों में रविवार को प्रदूषण जस का तस बना रहा. बुलंदशहर की भी हवा फिर जहरीली रही. रविवार दोपहर में लखनऊ का एक्यूआई 397, कानपुर का 336, ग्रेटर नोएडा का 331 और बुलंदशहर का 351 दर्ज किया गया. वहीं गुरुवार को लखनऊ का एक्यूआई 185 दर्ज किया गया था.

मुजफ्फरपुर का एक्यूआई पहुंचा 447
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को गाजियाबाद का एक्यूआई 325, नोएडा 324, मुजफ्फरपुर का 447, मुरादाबाद का 383, मेरठ का 310, फरीदाबाद का 292, आगरा का 225 दर्ज किया गया. पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि शहर में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग आंखों की जलन से दर्द की शिकायत कर रहे हैं. बहुत से दूसरे लोग अपने घरों में होने के बावजूद आंख में जलन की शिकायत कर रहे हैं.

एक्यूआई का मानक
पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है.

बहुत खराब है शहर की हवा
इस समय लखनऊ की हवा बहुत खराब है. वह बताते हैं कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वह छोटे कंण हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

लखनऊः शहर के साथ-साथ यूपी के कई जिलों में रविवार को प्रदूषण जस का तस बना रहा. बुलंदशहर की भी हवा फिर जहरीली रही. रविवार दोपहर में लखनऊ का एक्यूआई 397, कानपुर का 336, ग्रेटर नोएडा का 331 और बुलंदशहर का 351 दर्ज किया गया. वहीं गुरुवार को लखनऊ का एक्यूआई 185 दर्ज किया गया था.

मुजफ्फरपुर का एक्यूआई पहुंचा 447
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को गाजियाबाद का एक्यूआई 325, नोएडा 324, मुजफ्फरपुर का 447, मुरादाबाद का 383, मेरठ का 310, फरीदाबाद का 292, आगरा का 225 दर्ज किया गया. पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि शहर में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग आंखों की जलन से दर्द की शिकायत कर रहे हैं. बहुत से दूसरे लोग अपने घरों में होने के बावजूद आंख में जलन की शिकायत कर रहे हैं.

एक्यूआई का मानक
पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है.

बहुत खराब है शहर की हवा
इस समय लखनऊ की हवा बहुत खराब है. वह बताते हैं कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वह छोटे कंण हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

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