लखनऊ: राजधानी के साथ-साथ कई जिलों की हवा में जहर घुला है. जिलों में इतना ज्यादा प्रदूषण फैला है कि यह हवा लोगों के लिए बहुत खतरनाक हो गई है. बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, की हवा सबसे ज्यादा जहरीली पाई गई है. इन शहरों का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को बुलंदशहर का एक्यूआई 454, गाजियाबाद 444, ग्रेटर नोएडा 428, कानपुर 460, लखनऊ 413, मेरठ 455, मुरादाबाद 434, मुजफ्फरपुर 415, नोएडा 416 दर्ज किया गया.
आठ गुनी अधिक प्रदूषित हुई हवा
पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि मौसम में बदलाव के साथ जैसे-जैसे कोहरे ने दस्तक दी है. स्मॉग के कारण लोगों का दम घुटने लगा है. प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. हालात यह है कि एक्यूआई की गुणवत्ता सामान्य से 8 गुना अधिक प्रदूषित हो गई है. शहर में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों में आंखों की जलन से दर्द की शिकायत आ रही हैं.
बहुत खराब है शहर की हवा
पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है. इस समय लखनऊ की हवा बहुत खराब है.
वह बताते हैं कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है. हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.