लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संचालित सरकारी सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक कॉलेजों की करीब 5000 सीटें कम हो गई हैं. इन कॉलेजों में दूसरी शिफ्ट में संचालित कक्षाओं में इस बार दाखिले नहीं लिए जाएंगे. राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में ऐसे कॉलेजों की संख्या करीब 19 बताई गई है. इन संस्थानों में सीटों के मुकाबले उपलब्ध शिक्षकों की संख्या कम होने के चलते यह कार्रवाई की गई है. ऐसे में इन संस्थानों की दूसरी पाली में उपलब्ध सीटों को प्रवेश प्रक्रिया से हटा दिया जाएगा.
यह पूरा मामला
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटी) ने पिछले वर्ष नवंबर माह में उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक कॉलेजों के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी. इसमें सीटों के सापेक्ष उपलब्ध शिक्षकों की संख्या कम होने का खुलासा हुआ. जिसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई. प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि शिक्षकों की भर्ती पर शासन को निर्णय लेना है. प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
इन संस्थानों पर की गई है कार्रवाई
- जेएल नेहरू पॉलीटेक्निक, महमूदाबाद
- लखनऊ पॉलीटेक्निक, लखनऊ
- हीवेट पॉलीटेक्निक, लखनऊ
- फिरोज गांधी पॉलीटेक्निक, रायबरेली
- एडीकेएम पॉलीटेक्निक, मथुरा
- पीएमवी पॉलीटेक्निक, मथुरा
- आरबी पॉलीटेक्निक, आगरा
- आरडीआरडी पॉलीटेक्निक, कानपुर
- गांधी पॉलीटेक्निक, मुजफ्फरनगर
- देवनगरी पॉलीटेक्निक, मेरठ
- डीजी पॉलीटेक्निक, बड़ौत
- हंडिया पॉलीटेक्निक, हंडिया
- आइईआरटी इलाहाबाद
- टाउन पॉलीटेक्निक, बलिया
- चंदौली पॉलीटेक्निक, चंदौली
- एमजी पॉलीटेक्निक, हाथरस
प्रवेश के लिए आवेदन 15 जुलाई तक
पॉलिटेक्निक कॉलेजों में दाखिले के लिए अब 15 जुलाई तक आवेदन किए जा सकेंगे. राजधानी समेत प्रदेश भर में पॉलीटेक्निक संस्थानों की संख्या करीब 1350 है. इनकी करीब 1.32 लाख सीटों पर दाखिले के लिए करीब 2.60 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा किए. पिछले वर्षों के दौरान आए आवेदनों के मुकाबले संख्या बेहद कम है. अभ्यर्थी संयुक्त प्रवेश परीक्षा के माध्यम से राजकीय, अनुदानित व निजी क्षेत्र की पॉलिटेक्निक संस्थाओ में प्रवेश ले सकेंगे.