लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 166वीं बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानों का हित संरक्षण सुनिश्चित करते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश दिए हैं.
सीएम ने कहा कि हमें इस वित्तीय वर्ष ₹1500 करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नीतिगत प्रयास किए जा रहे हैं. प्राकृतिक खेती को प्रोत्सहित करने के लिए भी योजनाबद्ध रीति से कार्य किया जा रहा है. किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इसके लिए राजधानी लखनऊ में 'एग्री मॉल' स्थापित किया जाना आवश्यक है. यहां किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे. उपभोक्ताओं के लिए अच्छी गुणवत्ता के फल, सब्जियां और खाद्यान्न उपलब्ध होगा. मॉल में किसानों के विश्राम के लिए आवश्यक सुविधाएं हों. गोमतीनगर के विकल्प खंड में उपलब्ध लगभग 8000 वर्गमीटर भूमि सात मंजिला आधुनिक एग्रो मॉल की स्थापना के लिए उचित होगा. मॉल में किसानों, खरीदारों के वाहनों की पार्किंग के लिए समुचित व्यवस्था हो.
उन्होंने कहा कि कृषि कार्य मे टिशू कल्चर तकनीक के प्रयोग के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं. प्रदेश में इस तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए अयोध्या में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जानी चहिए. इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाए. उन्होंने कहा कि कृषि उपजों की ई-नीलामी या डिजिटल प्लेटफार्म सर्विस प्रोवाइडर के लिए लाइसेंस बनवाने के लिए मंडी नियमावली में यथा आवश्यक संशोधन किया जाए. निजी क्षेत्र की सहभगिता किसानों को एक नया विकल्प देगी, साथ ही मंडी परिषद की आय में भी बढ़ोतरी होगी.
सीएम ने कहा कि मंडी परिषद एवं मंडी समितियों के अधिकारियों, कर्मचारियों को नियमानुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए पूर्व में प्रचलित व्यवस्था के अनुरूप निजी, सरकारी चिकित्सालयों में इलाज कराने एवं शासकीय दरों पर प्रतिपूर्ति, भुगतान की सुविधा दी जाए. यह व्यवस्था अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नियोजित प्रयास कर रही है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जैविक और प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित कराई जाई. चरणबद्ध रूप से कृषि विज्ञान केंद्रों पर टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएं. इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी परिषद की सहायता से प्रदेश के बांदा, कानपुर और कुमारगंज (अयोध्या) कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रावासों का निर्माण कराया गया है. यह अच्छा प्रयास है. ऐसे प्रयास आगे भी जारी रखना चाहिए. मुख्यमंत्री के साथ इस बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री दिनेश सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह सहित कई अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे.
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