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राजधानी में ऐसी है आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत, जिम्मेदार जानकर भी अंजान

राजधानी में मड़ियांव थाना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र राम भरोसे चल रहे हैं. इनकी हालत इतनी जर्जर हो गई है कि बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने आते हैं. इसके साथ ही यहां अव्यवस्थाओं का भी बोलबाला है. जानिए हकीकत...

आंआंगनबाड़ी केंद्र का हाल.गनबाड़ी केंद्र
आंआंगनबाड़ी केंद्र का हाल.गनबाड़ी केंद्र
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Published : Oct 9, 2021, 12:43 PM IST

लखनऊ: राजधानी के मड़ियांव थाना अंतर्गत अल्लू नगर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र राम भरोसे चल रहे हैं. ऐसे दर्जनों मड़ियांव थाना अंतर्गत आंगनबाड़ी की हालत जर्जर हो चली है. वहीं, आंगनबाड़ी में आने वाले 25 प्री प्राइमरी के बच्चे जान जोखिम में डालकर यहां पर आ रहे हैं. दूसरी तरफ जिम्मेदार अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं. आलम यह है कि यहां के आंगनबाड़ी केंद्र की छतें दरक गई हैं. वहीं, दूसरी तरफ आंगनबाड़ी से लगे हुए किचन की हालत बद से बदतर हो गई है. आंगनबाड़ी के अंदर न ही किसी तरह का बिजली का प्रबंधन है, न ही पंखे का प्रबंधन किया गया है. इस कारण छोटे-छोटे बच्चों को अवस्थाओं के बीच परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार गांव-गांव में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए तमाम प्रबंधन के इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी बंदरबांट के चलते सरकार द्वारा मुहैया कराए जाने वाली सुविधाएं आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे आंगनबाड़ी के ज्यादातर भवन जर्जर हो गए हैं, साथ ही आंगनबाड़ी के केंद्र भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गए हैं. इसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बच्चों पर पड़ा है.

आंगनबाड़ी केंद्र का हाल.

नई शिक्षा नीति के तहत बेसिक शिक्षा में प्री प्राइमरी स्कूलों को चलाने को लेकर योजना बनाई गई. वहीं, योजनाओं की जमीनी स्तर पर पड़ताल की गई तो योजनाएं पूरी तरह से फेल नजर आ रही हैं. कहीं पर आंगनबाड़ी के भवन जर्जर नजर आ रहे हैं तो कहीं पर भवनों का प्रबंधन ही नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ यह भी देखने को मिल रहा है कि आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन एक कार्यकर्ता के भरोसे चलाया जा रहा है, जबकि जगह-जगह सहायक कार्यकर्ता की जगह खाली पड़ी हुई है, जिससे पता चलता है कि 6 साल से छोटे बच्चों को प्री प्राइमरी शिक्षा देने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. मड़ियांव थाना अंतर्गत आने वाले ककौली, अल्लू नगर डिगुरिया, अल्लू नगर, शरौरा, शैरपुर, खटिईया, कमलाबाद, रशोनाबाद घैला, टाटापुरवा, पूरब गांव, अंबरभारी गाजीपुर सहित कई गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की हालात बद से बदतर हो गई है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन तिवारी ने बताया कि आंगनबाड़ी में सुविधाओं का अभाव है. यहां पर लाइट और पंखे का प्रबंधन नहीं किया गया है. इससे गर्मी के मौसम में आंगनबाड़ी द्वारा बनाए गए कमरे में रहना बेहाल हो जाता है. वहीं, बताया कि यहां के किचन का प्रबंधन ठीक न होने के कारण किचन पूरी तरह से जर्जर पड़ा हुआ है. जब इसके जिम्मेदारों से शिकायत करने को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां के मौजूदा प्रधान अवधेश यादव से कई बार शिकायत की गई, इसके बावजूद ध्यान नहीं देते हैं. वह टालमटोल करते हुए कहते हैं कि यह क्षेत्र नगर निगम में सम्मिलित हो गया है, मेरी जिम्मेदारी नहीं है.

बीएसए दिनेश कुमार से आंगनबाड़ी में मूलभूत सुविधाओं पंखा, लाइट, पानी, बच्चों का भोजन के नाम पर हो रही लापरवाही को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की लापरवाही सामने आई है. इसका संज्ञान लिया जाएगा और इन समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा, जिससे बच्चों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

लखनऊ: राजधानी के मड़ियांव थाना अंतर्गत अल्लू नगर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र राम भरोसे चल रहे हैं. ऐसे दर्जनों मड़ियांव थाना अंतर्गत आंगनबाड़ी की हालत जर्जर हो चली है. वहीं, आंगनबाड़ी में आने वाले 25 प्री प्राइमरी के बच्चे जान जोखिम में डालकर यहां पर आ रहे हैं. दूसरी तरफ जिम्मेदार अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं. आलम यह है कि यहां के आंगनबाड़ी केंद्र की छतें दरक गई हैं. वहीं, दूसरी तरफ आंगनबाड़ी से लगे हुए किचन की हालत बद से बदतर हो गई है. आंगनबाड़ी के अंदर न ही किसी तरह का बिजली का प्रबंधन है, न ही पंखे का प्रबंधन किया गया है. इस कारण छोटे-छोटे बच्चों को अवस्थाओं के बीच परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार गांव-गांव में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए तमाम प्रबंधन के इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी बंदरबांट के चलते सरकार द्वारा मुहैया कराए जाने वाली सुविधाएं आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे आंगनबाड़ी के ज्यादातर भवन जर्जर हो गए हैं, साथ ही आंगनबाड़ी के केंद्र भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गए हैं. इसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बच्चों पर पड़ा है.

आंगनबाड़ी केंद्र का हाल.

नई शिक्षा नीति के तहत बेसिक शिक्षा में प्री प्राइमरी स्कूलों को चलाने को लेकर योजना बनाई गई. वहीं, योजनाओं की जमीनी स्तर पर पड़ताल की गई तो योजनाएं पूरी तरह से फेल नजर आ रही हैं. कहीं पर आंगनबाड़ी के भवन जर्जर नजर आ रहे हैं तो कहीं पर भवनों का प्रबंधन ही नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ यह भी देखने को मिल रहा है कि आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन एक कार्यकर्ता के भरोसे चलाया जा रहा है, जबकि जगह-जगह सहायक कार्यकर्ता की जगह खाली पड़ी हुई है, जिससे पता चलता है कि 6 साल से छोटे बच्चों को प्री प्राइमरी शिक्षा देने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. मड़ियांव थाना अंतर्गत आने वाले ककौली, अल्लू नगर डिगुरिया, अल्लू नगर, शरौरा, शैरपुर, खटिईया, कमलाबाद, रशोनाबाद घैला, टाटापुरवा, पूरब गांव, अंबरभारी गाजीपुर सहित कई गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की हालात बद से बदतर हो गई है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन तिवारी ने बताया कि आंगनबाड़ी में सुविधाओं का अभाव है. यहां पर लाइट और पंखे का प्रबंधन नहीं किया गया है. इससे गर्मी के मौसम में आंगनबाड़ी द्वारा बनाए गए कमरे में रहना बेहाल हो जाता है. वहीं, बताया कि यहां के किचन का प्रबंधन ठीक न होने के कारण किचन पूरी तरह से जर्जर पड़ा हुआ है. जब इसके जिम्मेदारों से शिकायत करने को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां के मौजूदा प्रधान अवधेश यादव से कई बार शिकायत की गई, इसके बावजूद ध्यान नहीं देते हैं. वह टालमटोल करते हुए कहते हैं कि यह क्षेत्र नगर निगम में सम्मिलित हो गया है, मेरी जिम्मेदारी नहीं है.

बीएसए दिनेश कुमार से आंगनबाड़ी में मूलभूत सुविधाओं पंखा, लाइट, पानी, बच्चों का भोजन के नाम पर हो रही लापरवाही को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की लापरवाही सामने आई है. इसका संज्ञान लिया जाएगा और इन समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा, जिससे बच्चों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

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