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यूपी में निषाद पार्टी के बाद अब जदयू ने बढ़ाया भाजपा पर गठबंधन को दबाव

यूपी में जदयू ने अपनी सियासी तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, पार्टी अबकी सूबे की पूर्वांचल क्षेत्र में प्रत्याशी देना का मन बनाए बैठी है. यही कारण है कि निषाद पार्टी के साथ भाजपा के गठबंधन की घोषणा के बाद अब जदयू ने भी भाजपा पर गठबंधन का दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

यूपी में निषाद पार्टी के बाद अब जदयू ने बढ़ाया भाजपा पर गठबंधन को दबाव
यूपी में निषाद पार्टी के बाद अब जदयू ने बढ़ाया भाजपा पर गठबंधन को दबाव
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Published : Sep 29, 2021, 8:36 AM IST

लखनऊ: अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले जदयू (JDU) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, पार्टी अबकी सूबे की पूर्वांचल क्षेत्र (Purvanchal region) में प्रत्याशी देना का मन बनाए बैठी है. यही कारण है कि निषाद पार्टी (Nishad Party) के साथ भाजपा (BJP) के गठबंधन की घोषणा के बाद अब जदयू ने भी भाजपा पर गठबंधन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक निषाद पार्टी के साथ सीटों के तालमेल होने और उसके एलान के बाद अब जदयू ने भी भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में जदयू के नेताओं ने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजधानी दिल्ली में मंगलवार को भाजपा संग गठबंधन को बैठक की.

बताया जा रहा है कि जदयू के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह को भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत के करने के लिए नामित किया गया है. यूपी चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान की दिल्ली में बैठक हुई.

इसे भी पढ़ें - भाजपा और आरएसएस से जनता को आगाह कर रही कांग्रेस की प्रशिक्षण टास्क फोर्स

वहीं, निर्णय लिया गया है कि वरिष्ठ जदयू नेता व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह को यूपी में भाजपा संग गठबंधन व बातचीत को प्रभारी बनाया जाए, जिस पर सभी ने सहमति जाहिर की. साथ ही बताया गया कि जल्द ही यूपी में भाजपा से गठबंधन को लेकर बैठक हो सकती है.

जदयू सूत्रों की मानें तो यदि जल्द सीटों को लेकर कुछ तय नहीं हुआ तो वह अपने बूते चुनाव लड़ने का एलान कर सकती है. इतना ही नहीं, जानकारी यह भी है कि अक्टूबर या फिर नवंबर माह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लखनऊ आएंगे.

सूत्रों की मानें तो भाजपा के साथ यदि सहमित नहीं बनी तो पार्टी अकेले अपने ही दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी. वहीं, दिल्ली में हुई जदयू की बैठक में सभी जनपदों से पदाधिकारी पहुंचे थे.

साथ ही सभी मंडलों व जिलों के पदाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट बैठक में रखी. बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अनूप कुमार पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक अक्टूबर या नवंबर में लखनऊ में आयोजित की जाएगी, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे.

पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश की 25 सीटों पर जदयू ने दावा ठोका है. वहीं, बता दें कि यूपी में कुर्मी समुदाय करीब सात फीसद के आसपास हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी समाज से आते हैं. इसके अलावे यूपी में कुर्मी समुदाय करीब 50 सीटों पर निर्णायक की भूमिका में है.

वहीं, बिहार से लगे पूर्वांचल के दर्जनभर जिलों में उनकी अच्छी फैन फालोइंग भी है, जिसका फायदा उनकी पार्टी को मिल सकता है. संतकबीरनगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलियां, वाराणसी, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर और प्रतापगढ़ समेत दो दर्जन जिले ऐसे हैं, जहां यह समुदाय हर सीट पर करीब 15000 से 20000 तक वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं.

इसी को ध्यान में रखकर जदयू ने 25 सीटों पर अपनी दावेदारी रखी है. इधर, निषाद पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर भाजपा के एलान के बाद से ही जदयू भी खासा सक्रिय हो गई है. वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है.

भाजपा के यूपी मुख्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने तीन दिनों तक सह प्रभारियों की बैठक लेने के बाद निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का एलान किया था. दरअसल, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद पिछले लंबे समय से भाजपा पर अपनी मांगे मनवाने का दबाव बना रहे थे.

आखिरकार वो दबाव बनाने में सफल हो गए और भाजपा ने उन्हें एमएलसी बनने का तोहफा भी दे दिया. हालांकि, इस दौरान यूपी के मुख्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि संजय निषाद के साथ सीटों को लेकर बातचीत हो गई है. उन्हें सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी.

लखनऊ: अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले जदयू (JDU) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, पार्टी अबकी सूबे की पूर्वांचल क्षेत्र (Purvanchal region) में प्रत्याशी देना का मन बनाए बैठी है. यही कारण है कि निषाद पार्टी (Nishad Party) के साथ भाजपा (BJP) के गठबंधन की घोषणा के बाद अब जदयू ने भी भाजपा पर गठबंधन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक निषाद पार्टी के साथ सीटों के तालमेल होने और उसके एलान के बाद अब जदयू ने भी भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में जदयू के नेताओं ने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजधानी दिल्ली में मंगलवार को भाजपा संग गठबंधन को बैठक की.

बताया जा रहा है कि जदयू के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह को भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत के करने के लिए नामित किया गया है. यूपी चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान की दिल्ली में बैठक हुई.

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वहीं, निर्णय लिया गया है कि वरिष्ठ जदयू नेता व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह को यूपी में भाजपा संग गठबंधन व बातचीत को प्रभारी बनाया जाए, जिस पर सभी ने सहमति जाहिर की. साथ ही बताया गया कि जल्द ही यूपी में भाजपा से गठबंधन को लेकर बैठक हो सकती है.

जदयू सूत्रों की मानें तो यदि जल्द सीटों को लेकर कुछ तय नहीं हुआ तो वह अपने बूते चुनाव लड़ने का एलान कर सकती है. इतना ही नहीं, जानकारी यह भी है कि अक्टूबर या फिर नवंबर माह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लखनऊ आएंगे.

सूत्रों की मानें तो भाजपा के साथ यदि सहमित नहीं बनी तो पार्टी अकेले अपने ही दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी. वहीं, दिल्ली में हुई जदयू की बैठक में सभी जनपदों से पदाधिकारी पहुंचे थे.

साथ ही सभी मंडलों व जिलों के पदाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट बैठक में रखी. बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अनूप कुमार पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक अक्टूबर या नवंबर में लखनऊ में आयोजित की जाएगी, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे.

पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश की 25 सीटों पर जदयू ने दावा ठोका है. वहीं, बता दें कि यूपी में कुर्मी समुदाय करीब सात फीसद के आसपास हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी समाज से आते हैं. इसके अलावे यूपी में कुर्मी समुदाय करीब 50 सीटों पर निर्णायक की भूमिका में है.

वहीं, बिहार से लगे पूर्वांचल के दर्जनभर जिलों में उनकी अच्छी फैन फालोइंग भी है, जिसका फायदा उनकी पार्टी को मिल सकता है. संतकबीरनगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलियां, वाराणसी, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर और प्रतापगढ़ समेत दो दर्जन जिले ऐसे हैं, जहां यह समुदाय हर सीट पर करीब 15000 से 20000 तक वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं.

इसी को ध्यान में रखकर जदयू ने 25 सीटों पर अपनी दावेदारी रखी है. इधर, निषाद पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर भाजपा के एलान के बाद से ही जदयू भी खासा सक्रिय हो गई है. वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है.

भाजपा के यूपी मुख्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने तीन दिनों तक सह प्रभारियों की बैठक लेने के बाद निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का एलान किया था. दरअसल, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद पिछले लंबे समय से भाजपा पर अपनी मांगे मनवाने का दबाव बना रहे थे.

आखिरकार वो दबाव बनाने में सफल हो गए और भाजपा ने उन्हें एमएलसी बनने का तोहफा भी दे दिया. हालांकि, इस दौरान यूपी के मुख्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि संजय निषाद के साथ सीटों को लेकर बातचीत हो गई है. उन्हें सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी.

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